Jammu Kashmir Coronavirus: जम्मू में अब सिर्फ 36 मरीज ही ऑक्सीजन के सहारे

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार ऑक्सीजन पर निर्भर मरीजों की संख्या से बीमारी की गंभीरता का अनुमान हो जाता है। कुछ सप्ताह पहले तक स्थिति यह थी कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी लेकिन अब मरीजों की संख्या बहुत कम हो गई है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 12:43 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 06:00 PM (IST)
Jammu Kashmir Coronavirus: जम्मू में अब सिर्फ 36 मरीज ही ऑक्सीजन के सहारे
नेशनल हेल्थ मिशन के आंकड़ों के अनुसार अभी तक जम्मू-कश्मीर में करीब 92 हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं।

जम्मू, रोहित जंडियाल: जम्मू-कश्मीर में कोविड 19 के मामले बेशक अभी भी हर दिन औसतन 500 से 600 आ रहे हों लेकिन गंभीर रूप से बीमार मरीजों की संख्या में तेजी के साथ कमी आई है। अब जम्मू संभाग में तो मात्र 36 मरीज ही ऑक्सीजन के सहारे हैं जबकि कश्मीर में यह संख्या 376 है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि पिछले कुछ सप्ताह से कोविड 19 के मरीजों में कमी आई है लेकिन अभी सतर्कता बरतने की जरूरत है और आने वाले दो महीने चुनौती भरे हैं।

नेशनल हेल्थ मिशन के आंकड़ों के अनुसार अभी तक जम्मू-कश्मीर में करीब 92 हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं। मगर अब मामलों में कमी आई है। एक अक्टूबर के बाद जम्मू संभाग में 7801 संक्रमण के मामले दर्ज किए गए जबकि कश्मीर संभाग में 9390 मामले आए। सितंबर महीने में जहां जम्मू संभाग में मामले तेजी से बढ़े थे वहीं अक्टूबर में अब फिर से कश्मीर में जम्मू संभाग की अपेक्षा मामले अधिक दर्ज हो रहे हैं। इस कारण कश्मीर के अस्पतालों में जम्मू की अपेक्षा अधिक मरीज भर्ती हैं। कश्मीर संभाग में कोविड 19 के मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन वाडों में 516 मरीज भर्ती हैं। वहीं जम्मू संभाग में आइसोलेशन वार्ड में सिर्फ 136 ही मरीज भर्ती हैं। लेकिन अगर गंभीर रूप से बीमार मरीजों की बात करें जो कि आक्सीजन के सहारे हैं तो इसमें भी कश्मीर संभाग में मरीजों की संख्या अधिक हैं। नेशनल हेल्थ मिशन के आंकड़ों के अनुसार जममू संभाग में मात्र 36 मरीज ही आक्सीजन पर निर्भर है जबकि कश्मीर में यह संख्या 376 है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार ऑक्सीजन पर निर्भर मरीजों की संख्या से बीमारी की गंभीरता का अनुमान हो जाता है। कुछ सप्ताह पहले तक स्थिति यह थी कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी लेकिन अब मरीजों की संख्या बहुत कम हो गई है। अधिकांश बेड खाली पड़े हुए हैं। हालांकि अस्पतालों में कम मरीज आने के पीछे एक कारण बिना लक्षण वाले मरीजों का घरों में उपचार होना भी है। कई लोग सरकारी अस्पतालों में मरीजों को लाने से भी परहेज कर रहे हैं। वह निजी अस्पतालों में अपने मरीजों का इलाज करवा रहे हैं। लेकिन इनकी संख्या कम है।

वहीं विशेषज्ञ डाक्टरों का कहना है कि बेशक अभी मरीजों की संख्या में कमी आई है लेकिन अभी कोविड 19 को हल्के से नहीं लिया जा सकता है। सर्दियों का मौसम ऐसे मरीजों किे लिए घातक साबित हो सकता है। आने वाले दो महीने अभी चुनौतीपूर्ण है। इस मौसम में सांस संबंधी रोगियों की संख्या बैसे ही बढ़ती है। कोविड 19 भी सांस संबंधी रोग है। इसीलिए इस मौसम में सतर्कता बरतने और सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी है। 

chat bot
आपका साथी