Jammu Kashmir: अब हर माह होगी डीडीसी, बीडीसी और पंचायत प्रतिनिधियों संग 'एलजी मुलाकात'

सुशासन को जमीनी स्तर पर ले जाने के अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा अब हर माह जिला और ब्लाक विकास परिषदों के सदस्यों के साथ साथ सभी पंचायत प्रतिनिधियों से सीधा संवाद करेंगे। पंचायत राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों के साथ संवाद में कोई रुकावट न आए।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:08 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 08:08 AM (IST)
Jammu Kashmir: अब हर माह होगी डीडीसी, बीडीसी और पंचायत प्रतिनिधियों संग 'एलजी मुलाकात'
सरकार डीडीसी को कार्यालय, आवास समेत सभी सुविधाएं प्रदान करेगी।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : सुशासन को जमीनी स्तर पर ले जाने के अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा अब हर माह जिला और ब्लाक विकास परिषदों के सदस्यों के साथ साथ सभी पंचायत प्रतिनिधियों से सीधा संवाद करेंगे।

अपनी इस पहल के जरिए वह न सिर्फ निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए आवाज उठाने के लिए एक मंच तैयार करेंगे बल्कि सहभागी लोकतांत्रिक व्यवस्था को भी मजबूत बनाएंगे। इसके माध्यम से वह क्षेत्र विशेष की समस्याओं व आवश्यक्ताओं का पता लगाते हुए सभी वर्गों के एक समान विकास को भी सुनिश्चित बनाएंगे।

उपराज्यपाल ने इस मासिक संवाद को सुनिश्चित बनाने के लिए शनिवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग को एक विश्वसनीय तंत्र तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि तीन स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों के साथ उनके संवाद में कोई रुकावट न आए। संवाद का नाम एलजी मुलाकात होगा।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पंचायती राज व्यवस्था को और अधिक जीवंत बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन की कार्यप्रणाली पर पंचायती राज संस्थाओं से फीडबैक लेना, जमीनी स्तर पर कार्यों का निष्पादन, उनके संबंधित मुद्दों के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करना, इस मासिक संवाद के मुख्य उद्देश्यों में शामिल है। उन्होंने सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और जिला उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक सरकारी कार्यक्रम के आयोजन और उसकी तैयारी की पूरी प्रक्रिया में पंचायत प्रतिनिधियों की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाए। उन्हेंं उनके प्रोटोकाल के मुताबिक पूरा सम्मान प्रदान किया जाए।

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों एक बैठक में उपराज्यपाल ने सभी जिला विकास और ब्लाक विकास परिषदों के चेयरमैन व पंचायत प्रतिनिधियों को यकीन दिलाते हुए कहा था कि प्रदेश सरकार का ध्यान पंचायती राज प्रणाली के सशक्तीकरण और लोकतंत्र के जमीनी स्तर को मजबूत करने पर है। उन्होंने कहा था कि पंचायती राज संस्थानों को और अधिक उत्तरदायी बनाने और आम आदमी के सामने आने वाले मामलों पर कोई भी फैसला लेने से पूर्व उसमें पंचायत प्रतिनिधियों की भागेदारी को सुनिश्चित बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

उन्होंने कहा कि मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि सरकार डीडीसी को कार्यालय, आवास समेत सभी सुविधाएं प्रदान करेगी। आपकी प्रशासनिक कार्याें और नीतिगत मामलों में आपकी भागीदारी उन लोगों के लिए जवाब होगी जो डीडीसी चुनावों पर सवाल उठा रहे थे।

तीन दिन पहले ही उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में हुई एक बैठक में प्रदेश सरकार ने एतिहासिक 12,600.58 करोड़ जिला कैपेक्स बजट 2021-22 मंजूर किया है। यह जो पिछले बजट के दोगुने से भी ज्यादा है। इसमें डीडीसी, बीडीसी और पंचायत संस्थानों की आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा गया है।

लोकतंत्र को मजबूत कर रही जम्मू कश्मीर सरकार उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि पंचायती राज संस्थानो को और अधिक सशक्त बनाकर जम्मू कश्मीर सरकार सहभागी लोकतंत्र को पूरी तरह मजबूत कर रही है। एलजी मुलाकात इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक प्रमुख मंच होगा जो लोगों की विकासात्मक आकांक्षाओं और क्षेत्र-विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए एक मजबूत तंत्र की तरह काम करेगा।

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