Jammu Kashmir : कोरोना के बीच डेंगू की दस्तक; जम्मू संभाग में 21 मरीज मिले-एक कश्मीर का, स्वास्थ विभाग में हड़कंप

Dengue Alert in Jammu Kashmir डाक्टरों के अनुसार जम्मू संभाग में जम्मू सांबा और कठुआ जिले सबसे अधिक प्रभावित रहते हैं। अन्य जिलों में मामले कम ही आते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 420 तालाबों की पहचान की है जहां पर डेंगू मच्छर का लारवा देखने को मिलता है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 08:07 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 12:28 PM (IST)
Jammu Kashmir : कोरोना के बीच डेंगू की दस्तक; जम्मू संभाग में 21 मरीज मिले-एक कश्मीर का, स्वास्थ विभाग में हड़कंप
पिछले साल 2020 में 37 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई थी।

जम्मू, रोहित जंडियाल: जम्मू कश्मीर में लगातार कम हो रहे कोरोना के मामलों के बीच अब डेंगू ने भी दस्तक दी है। प्रदेश में अभी तक 22 लोगों में डेंगू के लक्षण पाए गए। इनमें अधिकांश मामले जम्मू में मिले हैं। हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू फैलने से रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। साथ ही नगर निगम के साथ फाङ्क्षगग भी शुरू कर दी है।

जम्मू कश्मीर मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष अभी तक 22 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। जून तक मात्र पांच मरीज थे। अगले ढाई महीनों में 17 और लोग डेंगू से पीडि़त हुए। कुल 22 मामलों में से 17 जम्मू जिले के ही रहने वाले हैं। इनमें 11 पुरुष और छह महिलाएं शामिल हैं। एक-एक मरीज सांबा, राजौरी, ऊधमपुर और कुपवाड़ा का है। जबकि एक मरीज अन्य प्रदेश का रहने वाला है। कश्मीर के कुपवाड़ा में भी जिस व्यक्ति में डेंगू की पुष्टि हुई है, वे अन्य प्रदेश से लौटा था। कश्मीर का तापमान ऐसा है कि वहां पर डेंगू के मामले लगभग न के बराबर आते हैं। कभी कभार एक दो मामले आते हैं।

पिछले वर्ष की तुलना में मामले कम आए हैं। पिछले साल 2020 में 37 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई थी। अभी साल खत्म होने में तीन महीने शेष है। जम्मू कश्मीर में जुलाई से सितंबर तक तीन महीने डेंगू के अधिक मामले आने की आशंका रहती है। गत एक दशक में इन्हीं तीन महीनों में अधिक मामले आए हैं।

15 से 30 डिग्री तापमान में डेंगू मच्छर अधिक पनपते हैं : राज्य मलेरिया अधिकारी डा. बेलू शर्मा का कहना है कि विभाग हर समय सतर्क रहता है। 15 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच डेंगू का मच्छर पनपने की आशंका अधिक होती है। बहुत से लोग यह सोचते हैं कि यह मच्छर गंदगी के कारण होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर पानी किसी जगह पर खड़ा रहता है तो डेंगू मच्छर होता है। लोगों को लगातार इस बारे में जागरूक किया जाता है। जम्मू नगर निगम के साथ मिलकर फाङ्क्षगग अभियान चलाया जाता है।

जम्मू संभाग सबसे अधिक प्रभावित : डाक्टरों के अनुसार जम्मू संभाग में जम्मू, सांबा और कठुआ जिले सबसे अधिक प्रभावित रहते हैं। अन्य जिलों में मामले कम ही आते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 420 तालाबों की पहचान की है जहां पर डेंगू मच्छर का लारवा देखने को मिलता है। इसे खत्म करने के लिए गंबुजिया मछली इन तालाबों में डाली जाती है। यह मछली लारवा को खा जाती है। डाक्टरों के अनुसार अचानक तेज बुखार हो जाए या सिर में आगे की तरफ तेज दर्द हो, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द हो त्वचा में लाल निशान हो तो तुरंत जांच करवानी चाहिए, यह डेंगू हो सकता है।

आठ साल पहले मचाया था कहर : जम्मू संभाग में आठ साल पहले साल 2013 में डेंगू कहर मचा चुका है। डेंगू के मामले जम्मू, सांबा और कठुआ में इतने अधिक आ गए थे कि अस्पतालों में मरीज रखने की जगह ही नहीं बची थी। पहली बार अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर यात्री निवास को अस्पताल में बदलना पड़ा था। कई मरीजों को वहां रखा गया था। इसके बाद कभी अधिक मामले नहीं आए। हर साल इसके लिए लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चलाए जाते हैं।

वर्ष कुल मामले 2011 04 2012 07 2013 1838 2014 01 2015 153 2016 79 2017 226 2018 168 2019 105 2020 37 2021 22 

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