Jammu Kashmir: कामकाज बंद, अब घर-घर बेचकर परिवार का पेट पालने को मजबूर कारगीर
कोरोना कर्फ्यू के चलते बंद हुए काम धंधे से उभरने के लिए लोग कारीगर अब सब्जियों की रेहड़ी फड़ी लगाने को मजबूर हो गए हैं। इस समय यही एक धंधा है जोकि फल फूल रहा है। हालत से समझौता कर कई कारीगर लोग भी इसी काम में जुटे हुए हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता । कोरोना कर्फ्यू के चलते बंद हुए काम धंधे से उभरने के लिए लोग, कारीगर अब सब्जियों की रेहड़ी फड़ी लगाने को मजबूर हो गए हैं। इस समय यही एक धंधा है जोकि फल फूल रहा है। हालत से समझौता कर कई कारीगर लोग भी इसी काम में जुटे हुए हैं।
गांव से सब्जियां लाकर शहर की गलियों में साइकिल से घूम घूम कर सब्जी बेचने वाले राज कुमार ने बताया कि पेशे से वह कारपेंटर है। लेकिन इन दिनों काम धंधा बंद है। लकड़ी का काम ही नही हो रहा। ऐसे में घर चलाना मुश्किल पड़ रहा था। सो गांव के खेतों से सब्जियां खरीद कर घर घर सब्जी बेचने का काम शुरू करना पड़ा। यह केवल एक राज कुमार की कहानी नही है। अनेक लोग ऐसे हैं जोकि बेरोजगार हो चुके हैं और घर घर सब्जी बेचकर अपना गुजारा कर रहे हैं।
पिछले कई दिनों से बाजार, दुकानें बंद हैं। ऐसे में लोग बेरोजगार ही हो गए हैं। सुभाष जोकि मंडाल के रहने वाले हैं, रोज शहर में प्राइवेट नौकरी पर आते थे। लेकिन अब सब बंद है। इन हालातों को देखते हुए उन्होंने गांव गांव जाकर सब्जियां बेचने का काम पकड़ लिया।
सौहांजना के कुलभूषण खजूरिया ने बताया कि उनके क्षेत्र में अनेकों लोग बेरोजगार हो गए हैं। काफी युवा फल -सब्जी का काम करने लगे हैं। लेकिन बाकी लोग क्या करें। अगर कोरोना कर्फ्यू इसी तरह से चलता रहा तो हालात और खराब होंगे और लोगों को दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो जाएगा।