अभी नहीं... IPS अधिकारी बनकर ही इस कुर्सी पर बैठूंगी, ऊधमपुर की एसएसपी से बोली शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद इमरान की बेटी

अद्यमय साहस और वीरता के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र प्राप्त करने वाले इमरान टाक की बेटी अलिश्बा भी पापा की तरह बहादुर पुलिस अधिकारी बनना चाहती है। उसकी रगों में एक वीर और भारत माता के सुपूत सब इंस्पेक्टर का खून दौड़ रहा है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 08:46 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 08:46 AM (IST)
अभी नहीं... IPS अधिकारी बनकर ही इस कुर्सी पर बैठूंगी, ऊधमपुर की एसएसपी से बोली शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद इमरान की बेटी
एसएसपी ने भी अलिश्बा के साथ ली तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडलर पर पोस्ट कर उसे शुभकानाएं दीं।

ऊधमपुर, अमित माही : देश के लिए कुर्बान होने वाले सब इंस्पेक्टर इमरान टाक की सात वर्षीय बेटी की रगों में भी पिता जैसा जोश व देश के लिए कुछ करने का जुनून हिलोरे मार रहा है। बहादुर पिता की शहादत से अंजान और उनकी पुलिस वर्दी में फोटो व वीडियो देख बड़ी हो रही मासूम को एसएसपी ऊधमपुर सरगुन शुक्ला ने अपनी कुर्सी में बैठने को कहा तो उसने मना कर दिया। वह बोली कि आज नहीं, भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) अधिकारी बनकर ही इस कुर्सी पर बैठूंगी। बच्ची का यह जज्बा देखकर कुछ पल के लिए एसएसपी भी भावुक हो उठीं।

अद्यमय साहस और वीरता के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र प्राप्त करने वाले इमरान टाक की बेटी अलिश्बा भी पापा की तरह बहादुर पुलिस अधिकारी बनना चाहती है। उसकी रगों में एक वीर और भारत माता के सुपूत सब इंस्पेक्टर का खून दौड़ रहा है। हाल ही में दिल्ली में शौर्य चक्र प्राप्त करने वाली शहीद की पत्नी गुलनाज अख्तर व बेटी अलिश्बा को ऊधमपुर लौटने पर एसएसपी सरगुन ने अपने कार्यालय आने का न्योता दिया। अलिश्बा पिता को मिले शौर्य चक्र को गर्व से हाथ में लेकर खड़ी थी। एसएसपी ने उसे अपनी कुर्सी पर बैठने को कहा, मगर उसने मना कर दिया। अलिश्बा ने कहा कि वह आइपीएस अधिकारी बनकर एक दिन जरूर इस कुर्सी पर बैठना चाहती है। एसएसपी ने भी अलिश्बा के साथ ली तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडलर पर पोस्ट कर उसे शुभकानाएं दीं।

This little one carries her father's #ShauryaChakra with pride and dreams in her eyes of making him proud of her. She wishes to join the #IPS and some day sit on this chair. She refused to sit now. Alishba, you will grow up to be a strong lovely woman! pic.twitter.com/zMtzxJrKZX

— Sargun (@SargunShukla) November 25, 2021

सवाल भी बड़े होने लगे हैं:

आज तक स्वजन ने अलिश्बा को पिता की शहादत की बात नहीं बताई है। वह जब भी पूछती है तो स्वजन उसे बताते हैं कि पिता ड्यूटी के सिलसिले में बाहर हैं। बड़ी होने पर आलिश्बा की समझ और सवाल भी बड़े होने लगे हैं। कई बार वह वीडियो काल करने को कहती है, तो स्वजन उसे कहते हैं, जहां पिता हैं, वहां पर नेटवर्क नहीं है। शौर्य चक्र मिलने पर उसने मां से पूछा कि पापा को यह कैसा सम्मान मिला है। उसने मां से उसकी उदासी का कारण भी पूछा। तब भी मां ने टाल दिया। अल्लाह उसकी खुशी, हिम्मत बनाए रखेमां गुलनाज अख्तर के मुताबिक, अलिश्बा अपने पिता के वीडियो और फोटो देखकर बड़ी हुई है। वर्दी में पिता को देखकर वह भी पिता की तरह अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहती है। वह आइपीएस बनना चाहती है। कैसे बनते हैं, इस बारे में अक्सर पूछती है। अलिश्बा जब कभी जिद करती है तो स्वजन कहते हैं कि 10 वर्ष की होने पर उसके पिता आएंगे। अब वह 10 साल की होने की इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि हो सकता है अलिश्बा धीरे-धीरे पिता की शहादत के बारे में सब समझ जाए।

फिलहाल, उसे सच बताते की हिम्मत में नहीं। अलिश्बा का स्वभाव परिक्व, हिम्मत वाला और खुशमिजाज है। अल्लाह उसकी खुशी, हिम्मत बनाए रखे। उसके ख्वाब को पूरा करे।2017 में श्रीनगर के जकूरा में दी थी शहादत ऊधमपुर जिला के बसंतगढ़ निवासी सब इंस्पेक्टर इमरान टाक वर्ष 2017 में श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में स्थित जकूरा इलाके में आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। कार में तीन आतंकियों ने श्रीनगर गांदरबल मार्ग पर जकूरा क्र्रांसग के पास उसकी कानवाई पर फायर खोल दिया। तब शहीद की बेटी तीन वर्ष की थी। 

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