Jammu Kashmir: उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनपेंट जनरल वाईके जोशी बोले- युद्धविराम का आतंकरोधी अभियान पर नहीं पड़ेगा असर
एलओसी पर युद्धविराम की घोषणा का आतंकरोधी अभियानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एलओसी पर फायरिंग बंद होने से शांति बहाल होगी। पिछले एक साल में कश्मीर घाटी में हिंसा में भारी गिरावट आई है। सुरक्षा और स्थरिता के सभी मापदंडों में सुधार हुआ है।
ऊधमपुर, जागरण संवाददाता। एलओसी पर युद्धविराम की घोषणा का आतंकरोधी अभियानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एलओसी पर फायरिंग बंद होने से शांति बहाल होगी। पिछले एक साल में कश्मीर घाटी में हिंसा में भारी गिरावट आई है। सुरक्षा और स्थरिता के सभी मापदंडों में सुधार हुआ है। ये शब्द उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने शनिवार को कहे। वह उत्तरी कमान मुख्यालय के धुव्रा सभागार में उपस्थित सभी रैंक के अधिकारियों व उनके परिवारों को संबोधित कर रहे थे।
उत्तरी कमान प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशनस (डीजीएमओ) ने संयुक्त वक्तव्य में 24-25 की रात से एलओसी पर युद्ध विराम की घोषणा की है। उन्होंने विश्वास दिलाते हुआ कहा कि इस घोषणा का आतंकरोधी अभियानों पर कोई असर नहीं होगा और सेना सतर्कता बनाए रखेगी। एलओसी पर फायिरंग बंद होने से शांति बहाल होगी, जिसे आवाम अपना जीवन सुरक्षित वातावरण में बसर कर सकेगी। पिछले एक वर्ष के दौरान घाटी में सुरक्षा और स्थिरता के सभी मापदंडों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। हिंसा की घटनाओं में भारी गिरावट आई है और यह शांति सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता के प्रति जनता के समर्थन को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि सेना की उत्तरी कमान जम्मू व कश्मीर और लद्धाख केंद्र शासित प्रदेश में तैनाती पड़ोसी मुल्कों द्वारा उपद्रव फैलाने के प्रयत्नों के विरुद्ध ढाल बनकर खड़ा है और भविष्य में भी रहेगा। जब कभी देश की संप्रभुता पर कोई आंख उठी है तो भारतीय सेना ने उसका जवाब उसी भाषा में दिया है। दो पड़ोसी देशों के साथ जुड़ी नियंत्रण रेखा पर प्रभुत्व को कामय रखा है। इसके साथ ही आंतरिक इलाकों में शांति बनाए रखने में मदद भी की है।
उत्तरी कमान ने असाधरण समय में असंभव को भी संभव किया है
एलएसी की बर्फीली चोटियों पर तैनात सैनिकों ने सन 2020 के चुनौतीपूर्ण समय में भी उन कठिन इलाकों में भरपूर सतर्कता बनाए रखी। यह सेना के प्रशिक्षण, शौर्य और संकल्प का स्वर्णिम उदाहरण है। उत्तरी कमान ने असाधरण समय में असंभव को भी संभव किया है। विभिन्न सैन्य अभियानों की सफलता भारतीय सेना के हर जवान के शौर्य का प्रतीक है। पिछला वर्ष भारतीय सेना के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक था। इसमें सेना ने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते पूर्वी लद्दाख में अपने सामरिक और सैन्य दृढता को दर्शाया। इस चुनौतीपूर्ण समय में जवानों ने हिम्मत, आत्मविश्वास और धैर्य का भरपूर प्रमाण दिया है। जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के बुनियादी तैनाती और रक्षा तैयारियों में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसके लिए हमेशा की तरह हमारे अथक प्रयास जारी है। जितने प्रयास अपनी सुरक्षा और सेना को मजबूत बनाने के लिए किए हैं, उतनी प्रतिबद्धता से प्रयास शांति और सुरक्षा को कायम रखने के लिए भी हुए हैं।
उत्तरी कमान ने कोरोना महामारी के खिलाफ देशव्यापी अभियान में अहम भूमिका निभाई
उत्तरी कमान ने कोरोना महामारी के खिलाफ देशव्यापी अभियान में अहम भूमिका निभाई है। कोरोना के असाधारण समय में सेवा परमो धर्मा की भावना के साथ डाक्टरों, नर्सिंग, एंबुलेंस कर्मी, मेडिकल कोर सेवा कर्मी ने अपनी जान की परवाह किए बिना 24 घंटे लगातार काम करते रहे और अभी भी कर रहे हैं।