Jammu Kashmir: मौसम में बदलाव के बाद शुरू हुआ खानाबदोशों अर्द्धवार्षिक पलायन शुरु, किया मैदानों का रुख
पिछले करीब 20 दिनों से गुज्जर बक्करवालों के डेरे अपने मवेशियों की तरफ लगातार रुख करने लगे हैं। शुरु में इक्का दुक्का डेरे नजर आते थे मगर अब लगभग रोज ही कोई न कोई डेरा सड़कों पर नजर आ जाता है।
ऊधमपुर, जागरण संवाददाता: मौसम में बदलाव के साथ ही हर वर्ष अपने माल मवेशियों के साथ मीलों लंबी पैदल यात्रा करने वाले खानाबदोश गुज्जर और बक्करवाल समुदाय से लोगों का सफर एक बार फिर से शुरु हो गया है। आने वाले दिनों में पहाड़ों से मैदानों की तरफ इनका पलायान तेज होगा। जिससे हाईवे और शहर की सड़कों पर लोगों को जाम के कारण परेशान होना पड़ेगा।
खानाबदोश गुज्जर और बक्करवाल समुदाय के लोग हर वर्ष गर्मियां शुरु होने से पहले अपने मवेशियों के साथ मैदानों की गर्मी से बचने के लिए पहाड़ों की ओर चले जाते हैं। इसी तरह जैसे ही पहाड़ों पर सर्दी बढ़ने लगती है तो यह कड़ाके की ठंड पड़ना शुरु होने से फिर वापिस मैदानों की तरफ आने लग जाते हैं।
पिछले एक पखवाड़े से मौसम में बदलाव आने लगा है। दिन में धूप रहने के दौरान मौसम में थोड़ी गर्मी रहती है, लेकिन रात को तापमान लुढ़ने से रात में सर्दी का एहसास होने लगता है जिससे एसी तो काफी देर पहले के बंद हो चुके हैं, अब पंखों के घूमने की रफ्तार भी बेहद धीमी हो गई है, और कहीं कहीं पर यह भी बंद हो चुकी है।
मौसम में इस बदलाव के साथ ही खानाबदोश समुदाय ने भी अपना अर्धवार्षिक पलायन शुरु कर दिया है।। पिछले करीब 20 दिनों से गुज्जर बक्करवालों के डेरे अपने मवेशियों की तरफ लगातार रुख करने लगे हैं। शुरु में इक्का दुक्का डेरे नजर आते थे, मगर अब लगभग रोज ही कोई न कोई डेरा सड़कों पर नजर आ जाता है।
वैसे तो इस समयुदाय के लोग ज्यादातर सफर पहाड़ी रास्तों से तय करते हैं, मगर जहां पर आगे का रास्ता नहीं होता, वहां यह हाईवे से भी गुजरते हैं। ऐसे में हाईवे पर माल मवेशियों के डेरों की वजह से जाम की समस्या भी हो जाती है। जिससे हाईवे के साथ शहर में जाम की समस्या से लोगों को परेशानी होती है।
आने वाला एक महीना ऊधमपुर से रामबन के बीच चलने वाले वाहन चालकों के लिए परेशानी भरा रहने वाला है। क्योंकि ऊधमपुर तक हाईवे फोर लेन है, लेकिन जखैनी से आगे रामबन तक हाईवे फोर लेन का काम जारी है। इसकी वजह से कई जगह पर मार्ग संकरा है और कई बार भूस्खलन के कारण रास्ता भी बंद हो जाता है। ऐसे में गुज्जर बक्करवालों के डेरों सड़क पर उतरने के कारण लगने वाले जाम से हर साल की तरह यातायात भी प्रभावित होना तय है।