Sunday Theater: अनुशासन और संकल्प के बिना कोई भी कार्य संभव नहीं, संडे थियेटर में रिहर्सल नाटक का मंचन

नटरंग संडे थियेटर श्रृंखला में लक्ष्मी कांत वैष्णव के लिखे नाटक रिहर्सल का मंचन किया गया। नीरजकांत के निर्देशन में मंचित यह नाटक उन लोगों पर व्यंग्य करता दिखा जो बिना उचित ज्ञान के दूसरों के काम में नाक घुसाते हैं।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sun, 31 Jan 2021 06:59 PM (IST) Updated:Sun, 31 Jan 2021 06:59 PM (IST)
Sunday Theater: अनुशासन और संकल्प के बिना कोई भी कार्य संभव नहीं, संडे थियेटर में रिहर्सल नाटक का मंचन
नटरंग संडे थियेटर श्रृंखला में लक्ष्मी कांत वैष्णव के लिखे नाटक रिहर्सल का मंचन किया गया।

जम्मू, जागरण संवाददाता : नटरंग संडे थियेटर श्रृंखला में लक्ष्मी कांत वैष्णव के लिखे नाटक रिहर्सल का मंचन किया गया। नीरजकांत के निर्देशन में मंचित यह नाटक उन लोगों पर व्यंग्य करता दिखा जो बिना उचित ज्ञान के दूसरों के काम में नाक घुसाते हैं। नाटक में दिखाया गया कि कैसे किसी के दिमाग में अभिमान और ईर्ष्या घर कर जाती है। कहानी महिला कलाकारों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो थियेटर में मंचित किए जा रहे अपने नाटक के लिए अपने स्टूडियो में रिहर्सल के लिए जुटी होती हैं।

नाटक के लिए रिहर्सल कर रही महिला कलाकार अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करती हैं, लेकिन कर नहीं पाती हैं। प्रोफेशनल थियेटर के लिए अनुशासन, समय पालन, टीम भावना आदि की आवश्यकता होती है जो इसमें कहीं नहीं दिखता। रंगमंच को लेकर इनका दृष्टिकोण भी कोई खास नहीं है। इसमें एक निदेशक भी होती है, लेकिन अपनी पाबंदियों के कारण टीम को नियंत्रित करने में वह भी नाकाम रहती हैं। टीम को भी तरीके से नियंत्रित नहीं किया जा सकता। इन महिलाओं को अपने साथी कलाकारों के साथ यहां मिलकर काम करना होता है, पर ऐसा होता नहीं। सभी महिलाओं के पति उच्चाधिकारी होते हैं। उन्हें लगता है कि मंचन में भी उन्हें वही इज्जत मिलनी चाहिए, जैसा उनके पति का ओहदा है। वे यह भी भूल जाती हैं कि किसकी क्या योग्यता है। वहीं इनके दिमाग में अभिमान और ईर्ष्या घर कर जाती है। नाटक यह समझाने में भी सफल रहा कि कोई भी कार्य अनुशासन एवं संकल्प के बिना संभव नहीं हो सकता।

कुल मिलाकर नटरंग ने रिहर्सल नाटक का बखूबी मंचन किया। युवा कलाकारों ने भी अपनी कलाकारी का बेहतर नमूना पेश किया। नाटक में भाग लेने वाले कलाकारों में कननप्रीत कौर, लवली शर्मा, असमा गुल, आरती देवी, कुशल भट, दीक्षा पंडिता और रिया शर्मा शामिल थीं। लाइट डिजाइनिंग नीरज कांत ने की। ध्वनि का संचालन बृजेश अवतार शर्मा ने किया।संयोजन मोहम्मद यासीन ने किया।

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