सूर्यपुत्री तवी नदी का संरक्षण: नालों की गंदगी ने तवी को दिए जख्म, दर्द से कराह रही जीवनदायिनी

निक्की तवी क्षेत्र से नगरोटा तक तवी नदी के किनारे मलबा फेंका जाता है। गुज्जर नगर बाहुफोर्ट के आसपास तवी का पानी गंदगी के कारण बदबू मार रहा है। नालों को तवी में गिरने से रोकने के प्रस्ताव भी सिरे नहीं चढ़े।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 07:59 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 08:06 AM (IST)
सूर्यपुत्री तवी नदी का संरक्षण: नालों की गंदगी ने तवी को दिए जख्म, दर्द से कराह रही जीवनदायिनी
इस नदी की सफाई के लिए कोई बड़ी योजना अब तक जमीन पर नहीं उतर पाई है।

जम्मू, अंचल सिंह: दशकों से जल प्रदूषण की मार झेल रही शहर की जीवनदायिनी तवी नदी के जख्म अब नासूर बन चुके हैं। पूरे जम्मू शहर को इसी नदी के पानी को साफ कर पीने के लिए दिया जाता है, लेकिन इसकी सफाई के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। नगर निगम की तरफ से मरहम लगाने के प्रयास कागजों तक सीमित हैं। ऐसे में जीवनदायिनी सूर्यपुत्री तवी नदी की दशा बदतर होती जा रही है।

शहर के 14 बड़े नाले तवी नदी में गिरकर इसे प्रदूषित कर रहे हैं। विभिन्न इलाकों तवी नदी के किनारों पर गंदगी के अंबार लग गए हैं, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है। निक्की तवी क्षेत्र से नगरोटा तक तवी नदी के किनारे मलबा फेंका जाता है। गुज्जर नगर, बाहुफोर्ट के आसपास तवी का पानी गंदगी के कारण बदबू मार रहा है। नालों को तवी में गिरने से रोकने के प्रस्ताव भी सिरे नहीं चढ़े। नतीजतन, सारे शहर की गंदगी नालों से होते हुए तवी नदी में समा रही है।

जहां नाले तवी नदी में गिरते हैं, उन स्थानों के आसपास खड़े हो पाना भी मुश्किल है। शहर के गुज्जर नगर, कासिम नगर, प्रेमनगर, पीरखोह, सर्कुलर रोड, बाहुफोर्ट, राजीव नगर, एमए स्टेडियम, भगवती नगर, राजेंद्र नगर, निक्की तवी में यह 14 बड़े नाले तवी में गिर रहे हैं।

आस्था से जुड़ी है सूर्यपुत्री तवी नदी: डोडा, ऊधमपुर और जम्मू से होकर गुजरती करीब 140 किलोमीटर लंबी तवी नदी पाकिस्तान के सियालकोट में जाकर मिलती है। नीलमत व ब्रह्मावत पुराण में सूर्यपुत्री तवीषी नदी की उत्पत्ति किश्तवाड़ स्थित वासुकी सरोवर से दर्ज है। जम्मूवासी इसमें बहुत आस्था रखते हैं। इसके किनारों पर कई मंदिर स्थापित हैं। विक्रम चौक घाट पर रविवार को आरती भी शुरू हुई है। पूर्णिमा व अन्य पर्वों पर लोग इसके पानी में डुबकी लगाकर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं। इसके बावजूद इस नदी की सफाई के लिए कोई बड़ी योजना अब तक जमीन पर नहीं उतर पाई है।

तवी के पानी को साफ रखने के लिए भगवती नगर में कचरा फेंकने की व्यवस्था बंद की गई। अब सारे शहर की गंदगी को कोट भलवाल में ठिकाने लगाई जाती है। नालों को तवी में डालने से रोकने का प्रस्ताव है। इस दिशा में भी हमने प्रयास तेज किए हैं। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट इसका ही नमूना है। आने वाले समय में तवी के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट तैयार होंगे। -बलदेव सिंह बलोरिया, चेयरमैन पब्लिक हेल्थ एंड सैनिटेशन कमेटी, नगर निगम जम्मू शहर के नालों को तवी में गिरने से रोकने का प्रस्ताव पारित कर इसकी डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा साबरमती की तर्ज पर इसमें कृत्रिम झील बनाई जानी है। इसके किनारों को विकसित किया जाएगा। 74वें संशोधन के लागू होने के साथ सभी विभाग के सिटी डिवीजन निगम के अधीन आ रहे हैं। जैसे ही विभाग अधीन आएंगे, हम इस दिशा में प्रभावी कदम उठाएंगे। -चंद्रमोहन गुप्ता, मेयर, नगर निगम 

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