Target Killing In Kashmir : एनआइए करेगी बिंदरू-पासवान की हत्या की जांच, शिक्षकों की हत्या की जांच भी एनआइए ही कर रही

Target Killing In Kashmir कश्मीर में शुरू हुए टारगेट किलिंग के सिलसिले के पीछे कौन शामिल है। इसका पता लगाने के लिए ही गृह मंत्रालय ने मक्शन लाल बिंदरू और बिहार निवासी वीरेंद्र पासवान की हत्या के मामलाें की जांच एनआइए को सौंपने का निर्णय लिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 01:12 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 02:24 PM (IST)
Target Killing In Kashmir : एनआइए करेगी बिंदरू-पासवान की हत्या की जांच, शिक्षकों की हत्या की जांच भी एनआइए ही कर रही
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह और एनआइए के महानिदेशक श्रीनगर में इन मामले पर चर्चा भी करेंगे।

श्रीनगर, जेएनएन : श्रीनगर में 5 अक्टूबर को आतंकवादियों ने टारगेट किलिंग के तहत जो दो हत्याएं की थी, उसकी जांच की जिम्मेदारी भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंपी जा रही है। इससे पहले एनआइए 11 अक्टूबर को श्रीनगर के ईदगाह इलाके में की गई दो शिक्षकों की हत्या की जांच भी कर रही है। कश्मीर के सामान्य होते हालात को खराब करने के इरादे से आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित मक्खन लाल बिंदरू और प्रवासी बिहार निवासी वीरेंद्र पासवान की हत्या कर दी थी। इस हत्याओं के पीछे कौन लोग हैं, इसका पता लगाने के लिए इन दाेनों मामलों को एनआइए अपने हाथ में लेगी।

आपको जानकारी हो कि आपको बता दें कि दो अक्टूबर को श्रीनगर के कर्णनगर में माजिद अहमद गोजरी निवासी छत्ताबल श्रीनगर और मोहम्मद शफी डार निवासी बटमालू की हत्या हुई। पांच अक्टूबर को दवाई विक्रेता डा. बिंदरू लाल, रेहड़ी लगाने वाले वीरेंद्र पासवान और सूमो ड्राइवर्स एसोसिएशन के प्रधान मोहम्मद शफी लोन की हत्या हुई। सात अक्टूबर को दो शिक्षकों दीपक चंद और प्रिंसिपल सुपिंदर कौर की इदगाह क्षेत्र में हत्या हुई। सात अक्टूबर को राजकंग के रहने वाले परवेज अहमद और 16 अक्टूबर को बिहार के रहने वाले अरविंद कुमार शाह और उत्तर प्रदेश के सगीर अहमद की हत्या हुई। वहीं 17 अक्टूबर देर शाम को कुपवाड़ा के गंजीपोरा में एक घर मेें घुसकर आतंकियों ने बिहार के दो नागरिकों की हत्या कर दी और तीसरा गंभीर रूप से घायल हो गया है।

कश्मीर में रह रहे हिंदुओं को निशाना बनाने का सिलसिला 5 अक्तूबर से शुरू हुआ। दवा विक्रेता कश्मीरी पंडित मक्खन लाल बिंदरू जो पंडितों के पालयन के दौरान ही कश्मीर में रह रहे थे, कुछ बंदूकधारी आए और उन्हें दुकान पर ही गोलियों से छलनी कर दिया। इससे पहले कि उन्हें अस्पताल ले जाया जाता, बिंदरू ने जख्मों का ताव न सहते हुए दम तोड़ दिया। इसके बाद श्रीनगर के ईदगाह इलाके में गोल गप्पे की रेहड़ी लगाने वाले वीरेंद्र पासवान की भी आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।

आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने दावा किया था कि कश्मीरी पंडित बिंदरू की हत्या में शामिल पांच लोगों में से चार ओवर ग्राउंड वर्करों को गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि एक फरार आतंकी को बाद में मुठभेड़ में मार गिराया गया। इसी तरह पासवान की हत्या में शामिल आतंकी को भी मुठभेड़ में मार गिराया गया है। हालांकि इसके बाद भी कश्मीर में टारगेट किलिंग जारी रही। सात अक्टूबर को आतंकवादियों ने दो शिक्षकों को निशाना बनाया था। अभी कुछ दिन पहले भी 17 अक्टूबर को आतंकवादियों ने बिहार के दो श्रमिकों के घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी। हालांकि इस हमले में एक श्रमिक घायल भी हुआ है।

कश्मीर में शुरू हुए टारगेट किलिंग के सिलसिले के पीछे कौन शामिल है। इसका पता लगाने के लिए ही गृह मंत्रालय ने मक्शन लाल बिंदरू और बिहार निवासी वीरेंद्र पासवान की हत्या के मामलाें की जांच एनआइए को सौंपने का निर्णय लिया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह और एनआइए के महानिदेशक श्रीनगर में इन मामले पर चर्चा भी करेंगे। आपको यहां बता दें कि कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा 11 अक्टूबर को की गई दो शिक्षकों की जांच का जिम्मा भी एनआइए को सौंपा गया है। एनआइए अभी तक इस मामले में 40 से अधिक अध्यापकों से पूछताछ कर चुकी है। 

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