NIA Raids In Kashmir: एनआइए के श्रीनगर में 10-बैंगलुरू में एक जगह छापे, भारत विरोधी दुष्प्रचार-आतंकियों के लिए फंड जुटाती थी एनजीओ

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह छापे केंद्र में बैठी भाजपा सरकार से प्रेरित हैं। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि एनआइए ने श्रीनगर में मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज और स्थानीय अंग्रेजी दैनिक समाचारपत्र के कार्यालय पर छापे मारे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 11:22 AM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 03:47 PM (IST)
NIA Raids In Kashmir: एनआइए के श्रीनगर में 10-बैंगलुरू में एक जगह छापे, भारत विरोधी दुष्प्रचार-आतंकियों के लिए फंड जुटाती थी एनजीओ
एनआइए की टीम रेजीडेंसी रोड स्थित समाचारपत्र के कार्यालय में पहुंची और जांच शुरू की दी।

श्रीनगर, जेएनएन। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में दस जबकि बैंगलुरू में एक जगह छापे मारे, जिसमें एक प्रमुख क्षेत्रीय अंग्रेजी दैनिक समाचारपत्र ग्रेटर कश्मीर का कार्यालय भी शामिल है। एनआइए के ये छापे टेरर फंडिंग मामले में चल रही जांच का हिस्सा है।जिन लोगों के घरों व कार्यालयों में ये छापामारी की गई है, वे सभी एनजीओ से जुड़े हुए हैं। इनमें जेएंडके कोलेशन ऑफ सिविल सोसायटी (जेकेसीसीएस), एथरोट, एपीडीपी, जीके ट्रस्ट (यह ट्रस्ट क्षेत्रीय अंग्रेजी समाचारपत्र द्वारा चलाया जा रहा है), के अलावा बैंगलुरू की भी एक महिला शामिल है।

वहीं एनआइए की इस छापेमारी पर पीडीपी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि यह सब केंद्र के कहने पर हो रहा है।एनआइए की इस कार्रवाई पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह छापे केंद्र में बैठी भाजपा सरकार से प्रेरित हैं। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि एनआइए ने श्रीनगर में मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज और स्थानीय अंग्रेजी दैनिक समाचारपत्र के कार्यालय पर छापे मारे हैं। यह सरासर भारत सरकार का असंतोष और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर शातिर कार्रवाई का एक और उदाहरण है। अफसोस की बात है कि एनआइए भाजपा की पालतू एजेंसी बन गई है। वह उनके कहने पर उन लोगों को डराने का काम कर रही है जो केंद्र के कहने पर चलने से इंकार करते हैं।

आज सुबह एनआइए की टीम केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल और स्थानीय पुलिस जवानों के साथ रेजीडेंसी रोड स्थित समाचारपत्र ग्रेटर कश्मीर के कार्यालय में पहुंची और जांच शुरू की दी। इसके अलावा एक टीम श्रीनगर में ही स्थित स्थानीय एनजीओ के कार्यालयों में भी पहुंची। डल झील में एचबी हिल्टन, हाउसबोट में स्थित ’अथरोट’ नामक एनओजी को मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज चलाते हैं। इसके अलावा टीम ने एनजीओ से जुड़े अन्य सदस्यों के घरों व कार्यालयों में भी छापेमारी की। जांच अभी चल रही है। 

एनआइए अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार टेरर फंडिंग व हवाला राशि मामले में जांच में घाटी में काम कर रही गैर सरकारी संस्थाओं की भी मिलीभगत सामने आई है। कुछ तथ्यों के सामने आने के बाद एनआइए ने इस संबंध में नया मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी। आज बुधवार का घाटी में मारे गए छापे इसी की एक कड़ी है।

गैर सरकारी संस्थाओं के लिए धन जुटाने वाले या फिर दानकर्ताओं के विवरण के पीछे की सच्चाई की जांच करने के लिए ही गैर सरकारी संस्था एथरोट के कार्यालय में छापा मारा गया है। हर मिनट के विवरण की जांच की जाएगी कि एनजीओ को फंडिंग करने वाले कौन लोग हैं और कहां-कहां से संस्था के लिए फंड जुटाए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक इन एनजीओ को भारत विरोधी दुष्प्रचार के लिए सीमा पार से भी फंडिंग होती है।इस संस्था पर हवाला रैकेट से संबंध, टेरर फंडिंग और फंड की हेराफेरी के आरोप हैं।

एनआइए के अधिकारी ने बताया कि उनकी टीम ने श्रीनगर में दस जबकि बैंगलुरू में एक जगह छापामारी की है। ये सभी लोग गैर सरकारी संस्था से जुड़े हुए हैं। ये छापामारी इन तथ्यों के आधार पर मारी गई है, जिसमें यह बात सामने आई है कि इन गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा जुटाई जाने वाली राशि जम्मू-कश्मीर में गैर कानूनी व आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के काम में इस्तेमाल की जा रही है।

श्रीनगर में गैर सरकारी संस्था अथरोट व जेएंडके कोलेशन आफ सिविल सोसायटी के कोआर्डिनेटर खुर्रम परवेज के कार्यालय, उसके सहयोगी परवेज अहमद बुखारी, परवेज अहमद माटा, बैंगलुरू में रहने वाले उनके सहयोगी स्वाति शेहादरी, प्रवीणा अहंगर चेयरपर्सन पेरेंट ऑफ डिसअपियर पर्सन के अलावा श्रीनगर के स्थानीय अंग्रेजी समाचारपत्र के कार्यालय में भी छापामारी की गई है। टीम ने इस दौरान कई दस्तावेज व इलेक्ट्रानिक उपकरण जैसे लैपटॉप, कंप्यूटर आदि को भी जब्त किया है।

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