किश्तवाड़ के परिहार बंधुओं की हत्या का मुख्य सूत्रधार एनआइए की हिरासत में, तीन दिन की रिमांड पर भेजा
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनआइए ने मलिक नूर को गत मंगलवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। उसे एनआइए की विशेष अदालत में पेश कर मामले से संबंधित पूछताछ करने के लिए तीन दिन की हिरासत में ले लिया गया।
जम्मू, जेएनएन। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2018 में जम्मू-कश्मीर के जिला किश्तवाड़ में भाजपा नेता अनिल परिहार और उनके भाई की हत्या के मुख्य सूत्रधार को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी पहचान मलिक नूर मोहम्मद फैयाज (51) निवासी फगसू ठाठरी जिला डोडा के रूप में हुई है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनआइए ने मलिक नूर को गत मंगलवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। उसे एनआइए की विशेष अदालत में पेश कर मामले से संबंधित पूछताछ करने के लिए तीन दिन की हिरासत में ले लिया गया। आपको जानकारी हो कि भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार की 1 नवंबर, 2018 को किश्तवाड़ जिले में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
एनआइए ने 28 नवंबर, 2018 को मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। मामले की जांच के बाद एनआइए ने विशेष अदालत में 15 मई 2020 को हिजबुल मुजाहिदीन के तीन मारे गए आतंकवादियों ओसामा-बिन-जाविद, हारून अब्बास वानी और जाहिद हुसैन सहित सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए। इसी मामले में गिरफ्तार किए गए चार अन्य लोगों में निसार अहमद शेख, निशाद अहमद बट, आजाद हुसैन बागवान और रुस्तम अली भी शामिल हैं। ये सभी भी किश्तवाड़ के ही रहने वाले हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि डोडा, किश्तवाड़ और रामबन में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने के लिए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों और उसके ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) के साथ मिलकर यह बड़ी साजिश रची थी। जब एनआइए ने अपनी जांच शुरू की तो परत दर परत मामला सामने आने लगा। उसी दौरान मलिक का नाम सामने आया। जांच में पता चला कि मलिक ही इस साजिश में शामिल था। यही नहीं इस साजिश को अंजाम देने के लिए वह हथियारों की खरीद के लिए मारे गए आतंकवादी ओसामा-बिन-जाविद के साथ असम और नागालैंड भी गया था।
मलिक ने ही आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए भोले-भाले युवाओं को प्रेरित किया। एनआइए प्रवक्ता ने कहा कि विशेष अदालत जम्मू ने आरोपी मलिक को तीन दिन की रिमांड पर एनआइए को सौंप दिया है। मामले में आगे की जांच जारी है।