एनआइए कोर्ट ने हिजबुल मुजाहिदीन के चार सहयोगियों को सुनाई बारह वर्ष की कठोर कारावास

ये फंड वे हिजबुल की मददगार गैर-सरकारी संस्था जम्मू-कश्मीर अफेक्टीज रिलीफ ट्रस्ट (जेकेएआरटी) के माध्यम से एकत्रित करते थे। इस फंड को वे सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के परिवारों को पहुंचाते थे ताकि देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 02:40 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 03:45 PM (IST)
एनआइए कोर्ट ने हिजबुल मुजाहिदीन के चार सहयोगियों को सुनाई बारह वर्ष की कठोर कारावास
इन सभी पर आरोप था कि आतंकी गतिविधियाें को चलाने के लिए ये सभी फंड एकत्रित करते थे।

जम्मू, जागरण संवाददाता :  देश भर में आतंकी गतिविधियाें को अंजाम देने में हिजबुल मुजाहिदीन के चार मददगार सदस्यों को एनआइए कोर्ट दिल्ली ने बारह वर्ष की कठोर कारवास और कुल पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। हिजबुल के इन सदस्यों के खिलाफ 25 नवंबर, 2011 में दिल्ली में ही मामला दर्ज किया गया था। इन सभी पर आरोप था कि आतंकी गतिविधियाें को चलाने के लिए ये सभी फंड एकत्रित करते थे।

ये फंड वे हिजबुल की मददगार गैर सरकारी संस्था Jammu Kashmir Affectees Relief Trust (JKART)- जम्मू-कश्मीर अफेक्टीज रिलीफ ट्रस्ट (जेकेएआरटी) के माध्यम से एकत्रित करते थे। इस फंड को वे सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के परिवारों को पहुंचाते थे, ताकि देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।

एनआइए के अनुसार इस मामले में उन्होंने बारह लोगों को आरोपित बनाया था, जिनमें से चार सदस्यों मोहम्मद शफी शाह उर्फ डाक्टर उर्फ दाऊद उर्फ निसार को बारह वर्ष की कठोर कैद व पंद्रह हजार रुपये जुर्माने, तालिब लाली उर्फ वसीम उर्फ अबु उमेर को दस वर्ष की कठोर कैद व दस हजार रुपये जुर्माने, मुजफ्फर अहमद डार उर्फ गजनबी उर्फ मोहम्मद अली को बारह वर्ष की कैद व पंद्रह हजार रुपये जुर्माने, जबकि मुश्ताक अहमद लोन उर्फ मुश्ताक आलम को दस वर्ष की कैद व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। आरोपित के खिलाफ एनआइए की दिल्ली में विशेष अदालत में सुनवाई जारी थी, जहां मंगलवार को उन्हें सजा सुनाई गई। एनआइए के मुताबिक बारह आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्ज शीट दायर की थी।

इस मामले में आठ आरोपित हिजबुल के सक्रिय सदस्य हैं, जिनमें हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना और मोस्ट वांटेड आतंकी सईद सलाहुदीन भी शामिल है। सलाहुदीन इस समय पाकिस्तान में छिपा बैठा है और उसके खिलाफ भारत में कई जगहों पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में मामले दर्ज हैं।

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