बदल रहा कश्मीर: अब घाटी की दीवारों पर वांछित आतंकियों के नहीं मैधावी बच्चों के पोस्टर आते हैं नजर
New Kashmir सैन्य काफिलों में अब लाल रंग के बजाय नीले रंग के झंडे ने ले ली है। वाहनों के बाहरी हिस्से पर अब शांति-सौहार्द प्रेम और कश्मीर की खूबसूरती का संदेश देते आर्दश वाक्यों और तस्वीरों नेे ले ली है।
श्रीनगर, नवीन नवाज। घाटी में लगातार सुधरते हालात के साथ सेना की गतिविधियों में भी लगातार बदलाव नजर आ रहा है। अब वादी के विभिन्न इलाकों में सैन्य शीविरों की दीवारों पर अब ग्रेनेड हमलों को रोकने के लिए जाल या वांछित आतंकियों के पोस्टर नहीं बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में अपनी मेधा का झंडा गाढ़ रहे कश्मीरी बच्चों की तस्वीरें नजर आ रही हैं। सड़कों से गुजरते सैन्य वाहनों पर भी अब खतरे का संकेत देते लाल झंडे नजर नहीं आते। उनकी गति भी तूफानी नहीं होती। सामान्य गति से दौड़ते सैन्य वाहनों पर लाल रंग के झंडों की जगह नीले रंग के झंडे लगाए गए हैं। यही नहीं वाहनों के बाहरी हिस्सों पर कश्मीर की खूबसूरती को दर्शाते चित्रों ने ले ली है।
आतंकियों के हमलों से सैन्य काफिलों को सुरक्षित बनाए रखने की एसओपी के तहत हाइवे या किसी अन्य सड़क पर सेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वाहन चालकों को अपनी गति को तेज रखने का निर्देश जारी किया गया था। इसके अलावा सुरक्षाबलों के वाहनों पर लाल झंडे लगाने के अलावा उनकी छतों पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों को हथियार व लाठियां साथ रखने की हिदायत दी गई थी। इससे जब कभी किसी इलाके से सुरक्षाबलों के काफिले गुजरते तो वहां लोगों में एक तरह का डर पैदा हो जाता था।
आपको बता दें कि वादी में आतंकी अकसर सुरक्षाबलों के काफिलों को निशाना बनाते आए हैं। कभी वे उनके वाहनों कोे उड़ाने के लिए आइईडी लगाते हैं या फिर किसी भीड़ भरे इलाके में उन पर अपने स्वचालित हथियारों से हमला करते हैं। 14 फरवरी 2019 को और उससे पूर्व अप्रैल 2005 में आतंकियों ने क्रमश: सीआरपीएफ और बीएसएफ के वाहनों को आइईडी धमाकों में उड़ा दिया था। 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए थे। इसके अलावा सैन्य काफिलों पर आतंकियों की फायरिंग में बीते 30 सालों में करीब 150 सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं।
अलबत्ता, अब वादी में सुधरते सुरक्षा परिदृश्य का असर सुरक्षाबलों के काफिलों, गश्त पर निकले सुरक्षाबलों के व्यवहार में भी नजर आने लगा है। सैन्य काफिलों में अब लाल रंग के बजाय नीले रंग के झंडे ने ले ली है। वाहनों के बाहरी हिस्से पर अब शांति-सौहार्द, प्रेम और कश्मीर की खूबसूरती का संदेश देते आर्दश वाक्यों और तस्वीरों नेे ले ली है।
लेफ्टिनेंट कर्नल क्यू खान ने कहा कि जनता के साथ समन्वय, संवाद और सहयोग को मजबूत बनाने की कवायद के तहत ही यह काम किया गया है। वादी के बच्चे, नाैजवान बहुत प्रतिभाशाली हैं और उनमें से कइयों ने देश-विदेश में अवसर मिलते ही अपनी मेधा का लोहा मनवाया है। खेल-कूद, नवाचार, पढ़ाई में कश्मीरी बच्चों ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं। यह बच्चे कश्मीर में अपने हम उम्र बच्चों आैर आने वाली नस्लों के लिए भी आर्दश का केंद्र बनें, इसलिए इनकी तस्वीरें विभिन्न सैन्य शीविरों की बाहरी दीवारों पर लगाए जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा वाहनों के बाहरी हिस्सों पर कश्मीर के विभिन्न पर्यटन स्थलों के मन मोहक पेंटिग्स अथवा चित्रों को लगाया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि राेड ओपनिंग पार्टी के जवानों, सुरक्षाबलों के काफिलों में शामिल जवानों और गश्तीदलों को निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी जगह रूकें या किसी जगह नाका लगाएं तो वहां लोगों के साथ पूरी नरमी के साथ पेश आएं। लाठियां दिखाने के बजाय सीटी का इस्तेमाल कर अनाधिकृत जगह खड़ा होने के प्रयास कर रहे निजी वाहन चालकों को अपने वाहन वहां से अन्यत्र ले जाने का संकेत करें।