कश्मीर घाटी में लाल चौक से LoC तक लहराया तिरंगा, कहा-जश्न न मनाने वाले ISIS के समर्थक

कुपवाड़ा में जावेद कुरैशी के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पहले सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तान हमारा की धुन पर कार्यालय में राष्ट्रध्वज लहराया।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 06:38 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 06:49 PM (IST)
कश्मीर घाटी में लाल चौक से LoC तक लहराया तिरंगा, कहा-जश्न न मनाने वाले ISIS के समर्थक
कश्मीर घाटी में लाल चौक से LoC तक लहराया तिरंगा, कहा-जश्न न मनाने वाले ISIS के समर्थक

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कोविड-19 के संक्रमण के खतरे की आशंका और प्रशासनिक पाबंदियाें के बावजूद बुधवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की पहली वर्षगांठ पर अनंतनाग के लालचौक से उत्तरी कश्मीर में LoC तक लोगों ने जहां मौका मिला, तिरंगा फहरा अपनी खुशी का इजहार किया। उन्हाेंने कहा कि यह सिर्फ एक निशान-एक विधान की बहाली या सिर्फ मुख्यधारा में विलीन होने का एक साल नहीं है,यह पत्थरबाजी, आतंकवाद और शोषण की सियासत से मुक्ति का भी एक साल है। जो आज जश्न नहीं मना रहा, काला दिवस मना रहा है, वह कश्मीरियों का नहीं आईएसआईएस (ISIS) जैसे आतंकी संगठनों का समर्थक है। वह कश्मीर और कश्मीरियों का दुश्मन है।

पांच अगस्त 2019 को केंंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 व 35ए को समाप्त करते हुए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू किया था। आज इस अधिनियम का एक साल पूरा होने पर भाजपा ने घाटी में जगह जगह तिरंगा फहराने का एलान किया था। इस अवसर पर आतंकियों और अलगाववादियों ने जहां हिंसा भड़का कानून व्यवस्था का संकट पैदा करने की साजिश रची थी वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने काला दिवस मनाने का एलान किया था। प्रशासन ने स्थिति को भापंते हुए पूरी वादी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए कई इलाकों में एहतियात के तौर पर प्रशासनिक पाबंदियां भी लगायी।

किसी भी दल से वास्ता न रखने वाले युवकों ने भी तिरंगा फहराया: तिरंगा फहराने का एलान सिर्फ भाजपा ने किया था, लेकिन कई जगहों पर किसी भी दल से वास्ता न रखने वाले युवकों ने भी तिरंगा फहराया। अनंतनाग का लालचौक जहां कभी जन्माष्टमी के पावन अवसर पर काजी निसार ने गाय का गला काटा था, आज वहीं पर रुमैसा रफीक नामक एक महिला अकेली की राष्ट्रध्वज लेकर पहुंची। उसने राष्ट्रध्वज को फहराया और उसे सलामी दी। खुद को भाजपा की अनंतनाग इकाई का सदस्य बताने वाली रुमैसा ने कहा कि आप यह मत समझो कि मैं अकेली हूं। अगर मैं अकेली होती तो यहां खुलेआम राष्ट्रध्वज लेकर खड़ी नहीं होती। यहां हरेक के दिल में तिरंगा है, मैने उनकी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए ही यह झंडा यहां फहराया है। कोविड-19 की पाबंदियां नहीं होती तो यहां आज आपको भीड़ नजर आती। उसने कहा कि अगर आज यहां किसी को आतंकियों का डर होता तो मैं भी यहां नहीं आती। मेरे साथ तो कोई सिक्याेरिटी वाला भी नहीं है।

कश्मीर भाजपा कार्यालय में भी जश्न मनाने पहुंचे लोग: ग्रीष्मकालीन राजधानी में प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए लालचौक ,डाऊन टाऊन और गुपकार की तरफ आने जाने के सभी रास्ते बंद कर रखे थे। कोविड-19 की बंदिशों के चलते अन्य इलाकों में भी आम लाेगों की आवाजाही प्रतिबंधित थी, जिसके चलते अनुच्छेद 370 की समाप्ति की सालगिरह मनाने के इच्छ़ुक कुछ युवाओं ने भाजपा कार्यालय में आयोजित समारोह में शामिल होना ही बेहतर समझा। इनमें बटमालू का नासिर और ख्याम को बुरहान भी शामिल था। नासिर ने कहा कि मैने सुबह अपने घर के पास चौक में तिरंगा फहराया। मैं लालचौक में घंटाघर पर तिरंगा फहराना चाहताथा, मुझे उम्मीद थी कि वहां खूब लोग हाेंगे,लेकिन वहां रास्ता बंद था। इसलिए मैं यहां भाजपा के दफ्तर में चला आया हूं। मजा तो भीड़ में आता है,अकेले में कोई खुशी नहीं होती।

भाजपा मुख्यालय में अल्ताफ ठाकुर, राजा मंजूर व अन्य भाजपा नेताओं ने तिरंगा फहराया। मिठाइयां भी बंटी। राष्ट्रध्वज को सलामी देने के बाद एक बातचीत में अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि आज का दिन तो जश्न का दिन है। यह अनुच्छेद 370 की समाप्ती कादिन है। जो लोग आज खुश नहीं हैं,जाे अनुच्छेद 370की समाप्ति से नाखुश हैं पुनर्गठन अधिनियम का विरोध कर रहे हैं,वह आईएसआईएस के समर्थक ही होंगे।

अब आईएसआईएस और पाकिस्तान के झंडे भी नजर नहीं आते: अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि बीते एक साल में जम्मू-कश्मीर में बहुत कुछ सकारात्मक हुआ है। पत्थरबाजी समाप्त हुई है,आतंकवाद आज मरनासन्न है, आजादी का नारा देने वाले चुप हो गए हैं। कश्मीरियों की भावनाओं का शोषण कर सियासत करने वाले अपनी दुकानों पर ताला लगा रहे हैं, अब आईएसआईएस और पाकिस्तान के झंडे भी नजर नहीं आ रहे हैं। अलगाववाद की कमर टूट चुकी है और कटटरपंथी सईद अली शाह गिलानी भी अब मानते हैं किपाकिस्तान सिर्फ अपने फायदे के लिए कश्मीरियों का इस्तेमाल कर रहा है,हिंसा फैला रहा है। गिलानी साहब को असलियत देर से पता चली , खैर देर आयद दुरुस्त आयद। मेरी जानकारी के मुताबिक , दुनिया के इतिहास में अनुच्छेद 370 की समाप्ति की क्रांति ही एकमात्रऐसी क्रांति होगी,जिसमें न किसी की जान गई और न कोई गोली चली।

बांडीपोर में जहां बीते माह आतंकियों ने भाजपा नेता वसीम बारी की उनके पिता और भाई संग हत्या की थी, वहां भी भाजपा नेता अपने कार्यालय में जमा हुए। उन्होंने वहां तिरंगा लहराया और आतंकवाद व अलगाववाद के समूल नाश के अपने सकंल्प को दोहराया।

कुपवाड़ा में निकाली गई तिरंगा रैली: कुपवाड़ा में जावेद कुरैशी के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पहले सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तान हमारा की धुन पर कार्यालय में राष्ट्र ध्वज लहराया। उन्होंने आतिशबाजी भी की और फिर कार्यालय से बाहर कुछ दूरी तक तिरंगा रैली भी निकाली। जावेद कुरैशी ने कहा कि भाजपा ने आज पूरे प्रदेश में तिरंगा फहराने का निश्चय किया है। पिछले साल आज के ही दिन हमें यहां आतंकवाद और अलगाववाद से आजादी दिलाते हुए धारा 370 खत्म हुई थी। भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के अवाम के दिल की बात को समझा और जोवादा किया था, उसे पूरा किया है। यहां हालात मे बदलाव साबित करता है कि कश्मीर अवाम ने पांच अगस्त 2019 का फैसला अपनाया है। कश्मीरियों काे दिल्ली से दूर करने वाली सभी रुकावटें अब समाप्त हो चुकी है। 

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