Agriculture Update : मशरूम लगाने का चल रहा अनुकूल सीजन, मत गवाएं समय

अब तो मशरूम की खेती के लिए मशीनों से बना कंपोस्ट उपलब्ध है। ऐसे में किसानों को कंपोस्ट बनाने की 28 दिवसीय लंबी प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं हैं। कंपोस्ट व बीज (स्पान) युक्त तैयार लिफाफा व्यापारियों से 90 से 100 रुपये में उपलब्ध हो रहा है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 09:01 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 09:01 PM (IST)
Agriculture Update : मशरूम लगाने का चल रहा अनुकूल सीजन, मत गवाएं समय
कंपोस्ट व बीज (स्पान) युक्त तैयार लिफाफा व्यापारियों से 90 से 100 रुपये में उपलब्ध हो रहा है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : कृषि सेक्टर में वैसे करने को बहुत कुछ है। बस काम करने की ललक होनी चाहिए। अगर आप खेती कर रहे हैं तो साथ ही साथ मशरूम का यूनिट भी लगा सकते हैं। इससे आपकी आमदनी और बढ़ जाएगी। बटन मशरूम लगाने का सीजन शुरू हो चुका है। इसलिए अब बहुत सोचने का समय नहीं है। इसका यूनिट लगाना बेहद आसान है। अब तो मशरूम की खेती के लिए मशीनों से बना कंपोस्ट उपलब्ध है। ऐसे में किसानों को कंपोस्ट बनाने की 28 दिवसीय लंबी प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं हैं। कंपोस्ट व बीज (स्पान) युक्त तैयार लिफाफा व्यापारियों से 90 से 100 रुपये में उपलब्ध हो रहा है। अगर पैसे की बचत करना चाहते हैं तो खुद का कंपोस्ट भी तैयार करने में 28 दिनों की प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा।

कैसे करें कंपोस्ट तैयार : 100 लिफाफा मशरूम लगाने के लिए। पांच क्विंटल भूसा चारा। दो क्विंटल चिकन मेन्योर। 40 किलो बुगदू या पत्री। 40 किलो जिपसम। 11 किलो यूरिया। डेढ़ किलो डाया खाद और चार किलो पोटाश खाद की जरूरत रहेगी। अब भूसा चारा को गीला कर इसमें सारी सामग्री जिपसम को छोड़कर मिला देनी है और एक डेढ़-सा लगा देना है। अब छह दिन बाद इस भूसा चारा को पहला पलटा देना है। दसवें दिन दूसरा पलटा देना होगा। 13वें दिन तीसरा पलटा होगा और इसी दौरान ही जिपसम इसमें मिला देनी हैं। फिर 16वें दिन चौथा, 19वें दिन पांचवां, 22वें दिन छठा, 25वें दिन 7वां और 28वें दिन 8वां पलटा भूसा चारा को देना होगा। तब कंपोस्ट तैयार होगा।

लिफाफों में भरे कंपोस्ट : कंपोस्ट को लिफाफे या लकड़ियों की पेटियों में भरकर शेड के अंदर रखना हैं। फिर इसमें बीज (स्पान) मिला देने हैं। 100 लिफाफे के लिए 10 किलो बीज की जरूरत रहेगी। इसलिए जब कंपोस्ट बनना शुरू हो तो कृषि विभाग में मशरूम डेवलपमेंट सेक्शन में जाकर बीज की बुकिंग कराई जा सकती हैं ताकि ठीक समय पर बीज उपलब्ध हो सकें। यह बीज तकरीबन सौ रुपये किलो में उपलब्ध हो जाता है।

शेड में रखे जाएं लिफाफे : शेड में लिफाफे रखे जाएं। देखा जाए कि हवा आने जाने के लिए खिड़कियां जरूर हों। मशरूम की खेती शुरू करते समय शेड के अंदर का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। अगर कम ज्यादा है तो उसे नियंत्रित किया जाना चाहिए। 15 से 18 दिन बाद जब कंपोस्ट पर फंगस बनने लगे तो समझों की यह केसिंग का समय है। यानी की कंपोस्ट पर हल्की-हल्की गोबर की खाद दी जानी चाहिए। मशरूम खेती आरंभ करने के माह भर में पैदावार आने लगेगी। इस समय शेड के अंदर का तापमान 18 से 20 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।

सात माह में 30 से 35 हजार की कमाई हो सकती : अगर आप तीन सौ लिफाफे मशरूम लगाने की योजना बनाते हैं तो आपको तकरीबन बीज, खाद पर 20 हजार रुपये की ही खर्चा करना पड़ेगा, लेकिन 30 से 35 हजार रुपये की कमाई सात माह में हो जाएगी, लेकिन अगर युक्ति लगाकर खेती की जाए तो आमदनी और भी बढ़ सकती है। मशरूम की खेती करनी है तो किसानों को तकनीकी ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इसलिए इस खेती में नए आने वाले किसानों को चाहिए कि वे विभाग के संपर्क में रहें और विशेषज्ञों से सलाह लेते रहें। मशरूम की खेती के समय अपनी मर्जी से दवाओं का छिड़काव न किया जाए। रोज पानी देना होता है और हवा आने के लिए कुछ समय के लिए खिड़कियां भी खोलनी होती हैं।

अब सालो भर रोजगार के अवसर : स्पान प्रोडक्शन आफिसर, कृषि विभाग अमन ज्योति शर्मा ने कहा कि मशरूम की खेती में बड़े से बड़ा यूनिट लगाया जा सकता है। अब तो मशरूम की खेती भी 12 मासी हो चुकी है। इसलिए जो किसान या बेरोजगार युवा इस खेती में आना चाहते हैं, विभाग के अधिकारियों से तकनीकी जानकारी जरूर हासिल कर लें। मशरूम की खेती के लिए तापमान नियंत्रण करने के तरीके जरूर किसानों को पता होने चाहिए। कृषि विभाग का मशरूम डेवलपमेंट सेक्शन हर संभव सहायता के लिए तैयार हैं।

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