5th August Celebration : संविधान के 74वें संशोधन से सशक्त हुए नगर निगम
अक्टूबर 2020 में सरकार ने एक आदेश जारी कर जम्मू-कश्मीर में संविधान के 74वें संशोधन के बाद इसके प्रावधान को लागू करना शुरू किया। सरकार ने 53 स्वासथ्य केंद्रों का नियंत्रण जम्मू और श्रीनगर नगर निगम सौंपा। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तीय आयुक्त ने इसकी मंजूरी दी।
370 हटने के दो साल
जम्मू, जागरण संवाददाता : अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में संविधान के 74वें संशोधन को लागू करने से जम्मू व श्रीनगर नगर निगम सशक्त होने की दिशा में आगे बढ़े। इस संशोधन से सभी सरकारी विभागों की सिटी डिवीजन नगर निगमों के अधीन आएंगी। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग व बिजली विभाग के सिटी डिवीजन अधीन लाए गए हैं। इससे लोगों को काफी सुविधा होने लगी है क्योंकि सारे विभाग निगम की देखरेख में काम करने लगे हैं। हालांकि फंड्स निगम को स्थानांतरित होना बाकी है।
अक्टूबर 2020 में सरकार ने एक आदेश जारी कर जम्मू-कश्मीर में संविधान के 74वें संशोधन के बाद इसके प्रावधान को लागू करना शुरू किया। इसके तहत सरकार ने 53 स्वासथ्य केंद्रों का नियंत्रण जम्मू और श्रीनगर नगर निगम सौंपा। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तीय आयुक्त ने इसकी मंजूरी दी। इस आदेश के तहत श्रीनगर नगर निगम को 37 और जम्मू नगर निगम को 16 स्वास्थ्य केंद्रों का नियंत्रण सौंपा गया।
आदेश में कहा गया है कि जम्मू नगर निगम और श्रीनगर नगर निगम की हद के भीतर आने वाले स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के स्वास्थ्य केंद्रों का निंयत्रण पूरी संपत्ति, पद, स्टाफ और फंड के साथ जम्मू नगर निगम और श्रीनगर नगर निगम को सौंपा जा रहा है। हालांकि अभी तक फंड्स ट्रांसफर नहीं किए जा सके हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ की नियुक्ति स्वास्थ्य विभाग ही करेगा और उन्हें डेपुटेशन पर भेजेगा। इसके बाद सरकार ने लोक निर्माण विभाग की सिटी विंग को नगर निगम के अधीन लाने के निर्देश जारी किए।
इतना ही नहीं शिक्षा विभाग ने भी शहर के जम्मू व श्रीनगर नगर निगम को 108 प्राइमरी स्कूल सौंपने का आदेश भी जारी किया। इस फैसले के तहत 108 प्राइमरी स्कूलों 265 प्राइमरी टीचर के स्टाफ के अलावा फंड भी सौंपे जाने हैं। ऐसे ही जल शक्ति विभाग, बिजली विभाग के सिटी डिवीजन भी निगम के अधीन आए। ऐसा होने से अब मेयर व कॉरपोरेटरों की देखरेख में लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलना शुरू हुई हैं। कॉरपोरेटरों द्वारका चौधरी, गौरव चोपड़ा, पवन सिंह, ज्योति देवी, सुरजीत सिंह, प्रीतम सिंह का कहना है कि विभागीय फंड्स भी अब निगम को सौंप दिए जाएं तो सभी वार्डों को सामान फंड मिलें और वे वार्डों में प्राथमिकता के आधार पर काम करवाएं।
एक छत के नीचे होने लगे काम : विभिन्न विभागों के निगम के अधीन आने के चलते शहर में फंड्स की बर्बादी भी रूकने लगी है। सभी विभाग निगम की देखरेख में काम करने लगे हैं। कॉरपोरेटर की प्राथमिकता के आधार पर मेयर व निगम आयुक्त की देखरेख में इन विभागों के इंजीनियर काम कर रहे हैं। इससे जनता को लाभ होने लगा है। बार-बार सड़कों क खोदाई या फिर नगर निगम के बजाय अलग-अलग विभागों के चक्कर काटने पड़ते थे। अब कॉरपोरेटर को सुनने से ही काम होने लगे हैं। हालांकि अभी विभागीय फंड्स निगम को ट्रांसफर नहीं हुए हैं। कुछेक महीनों में जब फंड्स भी मिल जाएंगे तो विकास की रफ्तार बढ़ेगी।