जम्मू-कश्मीर से जेके हाउस दिल्ली तक किए इतने हजार से अधिक टेस्ट, स्वास्थ्यकर्मी रोहित सेठ के जज्बे को सलाम

जम्मू- कश्मीर में कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़़ाई में कई योद्धा लड़़ रहे हैं। कुछ की जान भी चली गई तो कुछ ऐसे भी हैं जो न थकते हैं और न डरते हैं जब भी कोई उन्हें बुलाए तो हाजिर हो जाते हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 10:32 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 10:32 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर से जेके हाउस दिल्ली तक किए इतने हजार से अधिक टेस्ट, स्वास्थ्यकर्मी रोहित सेठ के जज्बे को सलाम
जम्मू के डंसाल ब्लाक में तैनात रोहित सेठ की कोरोना की पहली लहर में जांच के लिए ड्यूटी लगी थी।

जम्मू, रोहित जंडियाल : जम्मू- कश्मीर में कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़़ाई में कई योद्धा लड़़ रहे हैं। कुछ की जान भी चली गई तो कुछ ऐसे भी हैं जो न थकते हैं और न डरते हैं, जब भी कोई उन्हें बुलाए तो हाजिर हो जाते हैं। इन्हीं में से एक हैं नेशनल हेल्थ मिशन के तहत तैनात फार्मासिस्ट रोहित सेठ। ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक में वह हजारों लोगों के आरटी-पीसीआर और रैपिड टेस्ट कर चुके हैं। 

जम्मू के डंसाल ब्लाक में तैनात रोहित सेठ की गत वर्ष कोरोना की पहली लहर में जांच के लिए ड्यूटी लगी थी। उस समय उन्होंने डंसाल के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों की जांच भी की और जागरूक भी। ग्रामीणों में मास्क बांटे और घरों को सैनिटाइज भी करवाया। विभाग ने रोहित के कार्य को देख उन्हें मोबाइल टीम में शामिल किया। उनके साथ नेशनल हेल्थ मिशन में ही काम करने वाली लैब टेक्निशयन नीतू पंडिता को भी तैनात किया।

जुनून इतना कि तड़के चार बजे बेलीचाराना में सेना के जवानों की जांच करने पहुंचे होते तो रात को दोमाना क्षेत्र में पुलिस नाके पर हर आने जाने वालों के टेस्ट करते मिलते। रोहित उन क्षेत्रों में भी टेस्ट करने पहुंचे जहां पर लोग जांच करवाने से कतरा रहे थे। उन्होंने पीपीई किट पहन खेतों में किसानों व श्रमिकों की भी जांच की। अभी तक वह करीब 41 हजार रैपिड और 10,200 आरटी-पीसीआर टेस्ट कर चुके के हैं। उनकी टीम पचास हजार से अधिक टेस्ट कर चुकी है।

स्वजन का सहयोग अहम रहा 

रोहित सेठ कहते हैं कि सब कुछ आसान नहीं होता। स्वजन का सहयोग इसमें बहुत अहम है। घर में सभी सहयोग देते हैं। किसी ने भी दिन और रात किसी भी समय टेस्ट करने के लिए जाने से नहीं रोका। जब घर में आता हूं तो एसओपी का पूरा ख्याल रखता हूं ताकि कोई भी परिवार का सदस्य संक्रमित न हो जाए। उनका कहना है कि जब सरकार ने कोई दायित्व सौंपा है तो उसे पूरी इमानदारी के साथ निभाना ही प्राथमिकता है। उन्होंने अपनी टीम की सदस्य नीतू पंडिता को इतने टेस्ट करने का श्रेय दिया। रोहित और नीतू को दो दिन पहलेे ही सेना की मेडिकल रेजीमेंट ने भी उनके कार्य और समर्पण भाव को देखते हुए सम्मानित किया।

दिल्ली में किए टेस्ट 

रोहित ने जम्मू में ही नहीं बल्कि दिल्ली में भी जाकर वहां पर रहे जम्मू-कश्मीर के लोगों की कोरोना जांच की। स्वास्थ्य विभाग ने उनकी ड्यूटी जांच के लिए जेके हाउस दिल्ली में भी लगाई थी। वहां पर भी उन्होंने 200 से अधिक कर्मचारियों व उनके परिजनों की जांच की। सेठ का कहना है कि उनकी ड्यूटी पंद्रह दिनों के लिए जेके हाउस में लगाई गई थी।

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