Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के मरीजों की सेहत को सुधार रही ‘सेहत’, दो महीने में 22 हजार से अधिक मरीज ले चुके हैं योजना का लाभ

दो महीनों में ही 22 हजार से अधिक मरीजों का इलाज इस कैशलेस इंश्योरेंस योजना से हो चुका है। प्रधानमंत्री ने गत वर्ष दिसबंर के अंत में इस योजना का उदघाटन किया था। योजना के तहत हर परिवार को साल में पांच लाख रुपयों तक के उपचार की व्यवस्था है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 03:09 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 03:09 PM (IST)
Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के मरीजों की सेहत को सुधार रही ‘सेहत’, दो महीने में 22 हजार से अधिक मरीज ले चुके हैं योजना का लाभ
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत का लाभ लेने के लिए मरीजों बड़ी संख्या में आगे आ रहे हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : दो महीने पहले जम्मू-कश्मीर में शुरू हुई प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत का लाभ लेने के लिए मरीजों बड़ी संख्या में आगे आ रहे हैं। दो महीनों में ही 22 हजार से अधिक मरीजों का इलाज इस कैशलेस इंश्योरेंस योजना से हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष दिसबंर महीने के अंत में इस योजना का उदघाटन किया था। इस योजना के तहत हर परिवार को साल में पांच लाख रुपयों तक के उपचार की व्यवस्था है। इस योजना में अस्पताल में भर्ती होने से तीन दिन पहले और अस्पताल से छुट्टी मिलने के 15 दिनों बाद तक खर्च देने का भी प्रावधान है। इसमें परिवार के सदस्यों की संख्या, उम्र पर कोई भी रोक नहीं है। इसमें देश भर के 24 हजार सरकारी और निजी अस्प्तालों में मरीज अपना इलाज करवा सकते हें। इनमें जम्मू कश्मीर के 229 सरकारी और निजी अस्पताल भी शामिल हैं। मरीजों का कैशलेस इलाज होगा।

योजना के सीईओ के अनुसार पहले दो महीनों में ही 22 हजार मरीजों का इलाज हो चुका है। योजना का लाभ देने के लिए मरीजों का पपंजीकरण कामन सर्विस सेंटर में हो रहा है। यही नहीं योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों में भी गोल्डन कार्ड बनाए जा रहे हैं। पंजीकरण के लिए कुल पांच हजार कामन सर्विस सेंटर बनाए गए हैं। योजना के तहत अभी तक जम्मू-क्श्मीर के तीस लाख लोगों का पंजीकरण हो गया है। करीब 56 फीसद योग्य परिवारों का अभी तक पंजीकरण हुआ है। पहले दो महीनों में ही 22.05 लाख लोगों को गोल्डन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। यही नहीं प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत पहले से 13.28 लाख लोगों का पंजीकरण पहले से ही हो चुका है।

वित्तीय आयुक्त स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा अटल ढुल्लू के अनुसार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत जम्मू-कश्मीर की एक महत्वाकांक्षी योजना है। यह अच्छा है कि यहां के मरीज विख्यात अस्पतालों में कैशलेस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो महीने में 450 मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के बाहर के प्रदेशों में निजी अस्पतालों में जाकर अपना इलाज करवाया। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में दो से तीन लाख रुपयों तक का इलाज करवाने वाले मरीजों की लंबी फेहरिस्त है। जिला कठुआ के रहने वाले 56 साल के मरीज ने पंजाब के निजी अस्पताल में 3.4 लाख रुपयों का इलाज करवाया। उसे दिल की बीमारी थी। श्रीनगर के एक मरीज ने कुछ दिन पहले ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज करवाया। उन्होंने कहा कि इस योजना से स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा।

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