Jammu Kashmir: बच्चों को खेल के मैदानों से दूर कर रहा मोबाइल, बीमारियों को भी दे रहा है न्यौता

शहरों की तो बात छोड़ों अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी बच्चे अधिकांश समय मोबाइल पर ही बिता रहे हैं। यही कारण है कि सुबह शाम मैदान या गांव की गलियों में खेलने की बजाए बच्चे मोबाइल फोन पर ही व्यस्त रहते हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 02:07 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 02:07 PM (IST)
Jammu Kashmir: बच्चों को खेल के मैदानों से दूर कर रहा मोबाइल, बीमारियों को भी दे रहा है न्यौता
अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी बच्चे अधिकांश समय मोबाइल पर ही बिता रहे हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता । आज के दौर में मोबाइल फोन सबकी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन चुका है। गांव, कस्बों में भी मोबाइल फोन हर एक की जरूरत बन है। कोरोना काल में दौर में यही मोबाइल फोन स्कूल चलाने का काम कर रहे हैं। बच्चों की आन लाइन क्लास मोबाइल फोन पर ही चल रही है। इसलिए मोबाइल फोन बच्चों से लेकर बड़ों तक अपनी जगह बना चुका है। लेकिन यही मोबाइल बच्चों कह जिदंगी से खिलवाड़ भी कर रहा है।

शहरों की तो बात छोड़ों , अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी बच्चे अधिकांश समय मोबाइल पर ही बिता रहे हैं। यही कारण है कि सुबह शाम मैदान या गांव की गलियों में खेलने की बजाए बच्चे मोबाइल फोन पर ही व्यस्त रहते हैं। खासकर आनलाइन गेम्स खेलने का चस्का युवाओं को असल खेलों से दूर रख रहा है। स्कूल में नौकरी कर रहे देवराज को शाम के समय सरोर गांव में जाना पड़ा। सहसा हवा से गांव के एक घर का गेट खुल जाता है तो बरामदे में चारपाई पर बैठा बच्चा मोबाइल में खोया हुआ था। देवराज हैरान रह जाता है कि शहरों में ही नही गांव में भी स्कूली बच्चे मोबाइल में इस कदर व्यस्त हो चुके हैं कि वास्तविक खेलों से दूर हो रहे हैं।

मढ़ के शक्ति कुमार समाजिक कार्यकर्ता हैं और युवा सेवाओं के मामलों में वह राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं, उनका मानना है कि मोबाइल के इस्तेमाल के बारे में अब जागरूकता लाने का समय आ गया है। मोबाइल हमारी भरपूर सहायता करता है लेकिन हमें पूरी तरह मोबाइल को ही समर्पित नही होना है। आजकल बच्चे तो फुटबाल, क्रिकेट या कबड्डी भी मोबाइल पर ही खेल रहे हैं। इस क्रम को रोकना होगा नही तो ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे मैदानों में नही मोबाइल पर खेलते नजर आएंगे।

कृषि विभाग में उप निदेशक पद पर से सेवानिवृत हुए चंद्रमोहन शर्मा ने बताया कि आज के दौर में बच्चे देर रात तक मोबाइल पर आन लाइन रहते हैं और सुबह उठते ही सबसे पहले हाथ मोबाइल पर ही जाता है। यह क्रम बच्चों के भविष्य के लिए ठीक नही। हमें इन बच्चों को प्रकृति से जोड़ना होगा। 

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