J&K : बड़ी ब्राह्मणा में 78 करोड़ से बनेगा मिनी फूड पार्क

अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य प्रशासन ने 459 करोड़ के निवेश से जुड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। जम्मू के बड़ी ब्राह्मणा में मिनी फूड पार्क परियोजना भी शामिल है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 12:09 PM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 12:09 PM (IST)
J&K : बड़ी ब्राह्मणा में 78 करोड़ से बनेगा मिनी फूड पार्क
J&K : बड़ी ब्राह्मणा में 78 करोड़ से बनेगा मिनी फूड पार्क

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य प्रशासन ने 459 करोड़ के निजी निवेश से जुड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। इनमें जम्मू के बड़ी ब्राह्मणा में मिनी फूड पार्क परियोजना भी शामिल है। मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में एपेक्स प्रोजेक्टस क्लीयरेंस कमेटी (एपीसीसी) की 44वीं बैठक हुई। बैठक में मंजूर की योजनाओं के तहत जम्मू से सटे बड़ी ब्राह्मणा में नव भारत समूह की ओर से 78.28 करोड़ से मिनी फूड पार्क बनाया जाएगा। इसके अलावा मैसर्स कंधारी बीव्रेजिस भी 78 करोड़ रुपये का निवेश कर अपनी इकाई का विस्तार करेगी।

कश्मीर में मैसर्स रोज इनफ्रारियल कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड 123 करोड़ से क्राफ्ट पेपर की एक इकाई, मैसर्स रेड एप्पल 38.24 करोड़ के निवेश से कोल्ड स्टोर चेन के अलावा मेडिकेयर डायग्नोस्टिक इमेजिंग सेंटर 42 करोड़ से मेडिकल डायग्नोस्टिक सेंटर स्थापित किया जाएगा। इन परियोजनाओं में 91 कनाल जमीन इस्तेमाल होगी। 745 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। समिति ने उन सभी उद्यमियों की इकाईयों के प्रोविजनल पंजीकरण की वैधता को विस्तार भी देने का फैसला किया है जिन्होंने अपनी इकाइयों की स्थापना के लिए प्रभावी कदम तो उठाए। उनमें व्यावसायिक उत्पादन शुरू नहीं हो पाया है।

एपीसीसी ने उद्योग विभाग को उद्यमियों को हर संभव सहयोग का निर्देश देते हुए कहा कि वे परियोजनाओं को प्रभावी व समयबद्ध तरीके से स्थापित करने को सुनिश्चित बनाएं ताकि औद्योगिकीकरण के उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रमोटर सभी संबंधित विभागों से अपेक्षित अनुमति / मंजूरी के लिए आवेदन करेगा, जो समयबद्ध तरीके से दी जाएगी। सभी अनुमति प्राप्त होने के बाद संबंधित मामले को मंजूरी के लिए एपीसीसी के समक्ष रखा जाए। बैठक में मौजूद उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव ने किसी भी इकाई के लिए भूमि आबंटन के प्रस्ताव पर विचार से पूर्व प्रोजेक्ट रिपोर्ट के सख्त मूल्यांकन पर जोर देते हुए निर्रथत हो चुकी लीज डीड की समीक्षा का सुझाव दिया। मुख्य सचिव ने पट्टे पर दी जाने वाली जमीन के संदर्भ में तय की जाने वाली लीज डीड के प्रारूप तैयार करने को कानूनी सलाहकार की मदद लेने की सलाह दी है।

chat bot
आपका साथी