Jammu Kashmir Weather : शनिवार से मंगलवार तक बनने लगे कई स्थानों पर बारिश के आसार
Jammu Kashmir Weather जम्मू में अभी दिन में तेज धूप का सिलसिला जारी है। जिसके चलते दोपहर को अभी गर्मी है लेकिन रात को ऐसी कूलर आदि लगाने की जरूरत नहीं रही है। सुबह पहले पहर तो पंखे भी बंद करने की जरूरत पड़ने लगी है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : मौसम धीरे-धीरे करवट लेने लगा है। रात को तापमान गिरने लगा है लेकिन अभी दिन का तापमान सामान्य से ऊपर ही चल रहा है।मौसम विज्ञान केंद्र, श्रीनगर से मिली जानकारी अनुसार 16 से 19 अक्टूबर तक कई स्थानों पर बारिश के आसार बनते दिख रहे हैं।सोमवार और मंगलवार को गर्ज के साथ बारिश की संभावना है।
इस बारिश के बाद तापमान में और गिरावट आएगी। इससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट आएगी। पिछले दो दिन पहले गुलमर्ग और अमरनाथ की पहाड़ियों पर हुई बर्फबारी के बाद कश्मीर के अधिकतम क्षेत्रों का तापमान सामान्य से नीचे आ गया है। जम्मू में अभी दिन में तेज धूप का सिलसिला जारी है। जिसके चलते दोपहर को अभी गर्मी है लेकिन रात को ऐसी कूलर आदि लगाने की जरूरत नहीं रही है। सुबह पहले पहर तो पंखे भी बंद करने की जरूरत पड़ने लगी है।
मंगलवार को जम्मू का अधिकतम तापमान 34.0 डिग्री सेल्सियस रहा।रात का न्यूनतम तापमान 19.3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। वहीं माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा का अधिकतम तापमान 30.6 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि न्यूनतम तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस रहा। बनिहाल का अधिकतम तापमान 27.0, न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस रहा। बटोत का अधिकतम तापमान 25.1, न्यूनतम तापमान 10.7 डिग्री सेल्सियस रहा। भद्रवाह का अधिकतम तापमान 27.2 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
वहीं श्रीनगर का अधिकतम तापमान 21.3 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री सेल्सियस रहा। काजीगुंड का अधिकतम तापमान 20.2, न्यूनतम तापमान 7.0 डिग्री सेल्सियस रहा। पहलगाम का अधिकतम तापमान 16.8, न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। कुकरनाग का अधिकतम तापमान 19.6 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस रहा। गुलमर्ग का अधिकतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस रहा।
आने वाले दिनों में संभावित बारिश की किसानों को सख्त जरूरत है। खासकर बासमती और सब्जी लगाने वालों को पहले ही मानसून की बारिश कम होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। वहीं मक्की की कटाई कर चुके किसानों को सरसों की खेती के लिए हल्की बारिश की जरूरत है।