Jammu Kashmir: महबूबा ने लिखा प्रवर्तन निदेशालय को पत्र, कहा राजनीति से प्रेरित हैं नोटिस भेजना

महबूबा ने यह भी लिखा कि जिला विकास परिषद के चुनावों की मतगणना से पहले उनके करीबी रिश्तेदारों पार्टी के कई नेताओं को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिया। प्रवर्तन निदेश्याालय का किसी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ इस्तेमाल करना किसी से छिपा नहीं है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 31 Dec 2020 04:17 PM (IST) Updated:Thu, 31 Dec 2020 04:17 PM (IST)
Jammu Kashmir: महबूबा ने लिखा प्रवर्तन निदेशालय को पत्र, कहा राजनीति से प्रेरित हैं नोटिस भेजना
चुनावों से पहले उस मामले में हिरासत में लिया गया जो कहीं है ही नहीं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: पीडीपी से जुड़े कई नेताओं को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नोटिस भेजने से पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती खफा हैं। उन्होंने इस बारे में एजेंसी के निदेशक को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि पिछले कुछ सप्ताह में उनके नोटिस में यह बात आई है कि उनसे जुड़े कई नेताओं व अन्य लोगों को प्रवर्तन निदेशालय नोटिस भेज रहा है।

यह सभी मेरी पार्टी, मेरी राजनीति या फिरा मुझसे व्यक्तिगत रूप से संबंधित हैं। इन लोगों से जो प्रश्न पूछे जा रहे हैं, वे भी मुझसे , मेरे परिवार और मेरे वित्तीय मामलों से जुड़े हुए हैं। यही नहीं मेरे स्व. पिता की कब्र और उरनकी स्मृति, मेरी बहन के वित्तीय मामलों, घर के निर्माण, मेरे भाई के वित्तीय मामलों से संबंधित हैं। अभी कुछ दिन पहले ही एनआइए ने उनकी पार्टी के एक युवा नेता वाहिद पारा जिसे हाल ही में जिला विकास परिषद के चुनावों में लोगों ने भारी मतों से जितवाया, उसे भी चुनावों से पहले उस मामले में हिरासत में लिया गया जो कहीं है ही नहीं।

महबूबा ने यह भी लिखा कि जिला विकास परिषद के चुनावों की मतगणना से पहले उनके करीबी रिश्तेदारों, पार्टी के कई नेताओं को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिया। प्रवर्तन निदेश्याालय का किसी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ इस्तेमाल करना किसी से छिपा नहीं है। केंद्र में सत्ताधारी पार्टी इसका प्रयोग करती है। महबूबा ने लिखा कि वह यह कहना चाहती हैं कि वह एक पूर्व मुख्यमंत्री, जिम्मेदार नागरिक तथा देश की प्रमुख हस्ती की बेटी हैं। वह किसी भी प्रश्न का जवाब देने को तैयार हैं लेकिन यह सब एक प्रक्रिया के तहत होना चाहिए।

मै कुछ लोगों के मोबाइल फोन और निजी डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। वह यह ध्यान केंद्रित करवाना चाहती हैं कि पीएमएलए 2002 की धारा 21 उप धारा दो के तहत उनका निजी अधिकारों की आजादी का संवैधानिक अधिकार है। अगर एजेंसी मेरे परिवार के किसी सदस्य से प्रश्न पूछना चाहती हैं या मेरे इलेक्ट्रानिक उपकरणों की जांच करना चाहती है तो आपको यह मेरी मौजूदगी में करना होगा। मुझे इस मामले को राजनीतिक और कानूनी तरीके से उठाने में कोई हिचक नहीं है।  

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