Jammu Kashmir : स्कूलों और सड़कों के नाम बदलने से कुछ नहीं होगा : महबूबा
महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि जम्मू की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रख दिया गया है। कश्मीर में लोगों को सुरक्षा के नाम पर धमकाया-डराया जा रहा है लेकिन जम्मू की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। खनिज के ठेके बाहरी लोगों को दे दिए गए हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : पीडीपी की प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर में स्कूलों और सड़कों के नाम बदलने पर अपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, भ्रष्टाचार से निपटने में नाकाम रही मोदी सरकार अब नाम बदल कर ध्यान भटका रही है। नाम बदलने से क्या होगा। क्या स्कूल का नाम बदलने से वहां के बच्चों को नौकरी मिल जाएगी। यह सब बकवास है। मोदी सरकार के पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है। पिछले सत्तर साल में बनाई गई संपत्ति को मोदी सरकार बेचती जा रही है।
पार्टी मुख्यालय गांधी नगर जम्मू में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि जम्मू की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रख दिया गया है। कश्मीर में लोगों को सुरक्षा के नाम पर धमकाया, डराया जा रहा है, लेकिन जम्मू की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। खनिज के ठेके बाहरी लोगों को दे दिए गए हैं। जम्मू के स्थानीय लोगों के ट्रेक्टर ट्राली को पकड़ लिया जाता है। जम्मू कश्मीर व लद्दाख का दर्जा कम करके केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। बदकिस्मती से जम्मू, कश्मीर व लद्दाख को अलग कर दिया गया।
जम्मू संभाग की अपनी संस्कृति है। जम्मू में हिंदु, मुस्लिम, सिख, ईसाई, गुज्जर बक्करवाल समेत हर समुदाय के लोग मिल जाएंगे। अगर जम्मू के लोग कश्मीर के लोगों के साथ मिलकर आवाज बुलंद नहीं करेंगे तो हम सब मिट जाएंगे। इस समय जम्मू कश्मीर में सबसे बढ़ी समस्या बेरोजगारी की है। जम्मू कश्मीर में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक है। यह कहा जाता था कि अनुच्छेद 370 बेरोजगारी व विकास में बाधा है लेकिन ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को आपस में जोड़ा नहीं जा रहा है।
कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है : कश्मीर में हालात खराब हो रहे हैं। आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है। दूसरी तरफ जम्मू की अर्थव्यवस्था प्रभावित होकर रह गई है। वो दिन दूर नहीं है जब जम्मू के लोगों को पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों पर निर्भर रहना पड़ेगा। जम्मू में ट्रांसपोर्टर मुश्किल हालात है। तरक्की के कार्य दिखाई नहीं दे रहे है। जो काम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी के समय में हुए थे, वहीं नजर आ रहे है। पूर्व पीडीपी-भाजपा के समय में शुरू किए गए विकास कार्यों को पूरा नहीं किया गया है।