महबूबा बोली- कश्मीर मसला सुलझाने के लिए वाजपेयी-मुशर्रफ की तर्ज पर नरेंद्र मोदी-इमरान खान के बीच हो बातचीत

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हुर्रियत की तर्ज पर कश्मीर मसले केे हल के लिए भारत-पाकिस्तान में बातचीत की प्रक्रिया में कश्मीरियों को शामिल करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा भारत-पाकिस्तान के बीच अमन का हर रास्ता जम्मू कश्मीर से ही निकलता है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 03:30 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 03:30 PM (IST)
महबूबा बोली- कश्मीर मसला सुलझाने के लिए वाजपेयी-मुशर्रफ की तर्ज पर नरेंद्र मोदी-इमरान खान के बीच हो बातचीत
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हुर्रियत की तर्ज पर कश्मीर मसले केे हल के लिए भारत-पाकिस्तान में बातचीत की प्रक्रिया में कश्मीरियों को शामिल करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा भारत-पाकिस्तान के बीच अमन का हर रास्ता जम्मू कश्मीर से ही निकलता है। दोनों मुल्कों को बातचीत के जरिए ही कश्मीर मसले का हल निकालना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने आतंकियों व अलगाववादियों का नाम लिए बगैर कहा कि यहां लोगों को किसान आंदोलन से सीखना चाहिए कि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखी जाए तोे पूरी दुनिया आपकी वकालत करेगी। बंदूक किसी मसले का हल नहीं है।

अमन का रास्ता जम्मू कश्मीर से ही निकलता है

आज अनंतनाग में पार्टी कार्यकर्ताओं को एक सम्मेलन को संबाेधित करने के बाद पत्रकाराें से संक्षिप्त बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर एक पेचिदा मसला है। इस पूरे क्षेत्र में अमन के लिए इस मसले को हल करना जरूरी है। अमन का जो भी रास्ता है, वह जम्मू कश्मीर से ही निकलता है। हम हमेशा बातचीत के समर्थक रहे हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के हवाले स बातचीत शुरू हो चुकी है। मैं इसका स्वागत करती हूं। पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए, जम्मू कश्मीर के लोगों से भी बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने आतंकियों और अलगाववादियों का नाम लिए बगैर कहा कि मैं समझती हूं कि हमारे लोगों को किसान आंदोलन से सीखना चाहिए कि अगर हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखें तो पूरी दुनिया आपकी वकालत करेगी।

बिना बातचीत कश्मीर मसले का कोई हल नहीं है

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लाेगों को इस बात का अहसास है कि बिना बातचीत कश्मीर मसले का कोई हल नहीं है। बातचीत के बिना कोई चारा नहीं है। हम चाहते हैं कि जिस तरह से वाजपेयी और मुशर्रफ के बीच बातचीत हुई थी। उसी तरह से इमरान खान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत होनी चाहिए ताकि कश्मीर मसले को हल किया जा सके।

इससे पूर्व पार्टी कार्यकर्ताओं को संबाेधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पीडीपी ने भाजपा के साथ सरकार का गठन सिर्फ कश्मीरियों की बेहतरी और कश्मीर मसले के हल के लिए किया था। उन्हाेंने कहा कि मैंने भाजपा के कश्मीर विरोधी एजेंडे में साथ नहीं दिया, इसलिए हमारी सरकार गिर गई। वह जमात ए इस्लामी पर प्रतिबंध लगाना चाहते थे। मैने इंकार किया था। उन्हाेंने कहा कि पीडीपी का गठन ही जम्मू कश्मीर के हितों की रक्षा के लिए, कश्मीर मसले के समाधान के लिए किया गया था। वर्ष 2002 में जब मेरे वालिद स्वर्गीय मुफ्ती माेहम्मद सईद ने यहां सरकार बनाई थी तो कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत का एक नया दौर शुरू हुआ था। एलओसी पर संघर्ष विराम का एलान हुआ, क्रास एलओसी बस सेवा और व्यापार शुरू हुआ। भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत भी हुई। यहां कश्मीर में भी माहौल में बदलाव आया और इसे सभी ने महसूस किया है।

5 अगस्त 2019 को हम कभी नहीं भूल सकते

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम आज भी कश्मीर में अमन बहाली और जम्मू कश्मीर के अवाम के अधिकारों, उनकी पहचान के लिए लड़ रहे हैं। पांच अगस्त 2019 को जो हुआ, उसे हम कभी नहीं भूल सकते। आज हमारी जमीनों को बाहरी लोगों को दिया जा रहा है। यहां ठेके बाहर के लोग ले रहे हैं, रोजगार में स्थानीय लोगों की भागीदार घटती जा रही है। हमारा जो भी था, हमसे छीना जा रहा है। लेकिन हम अपना हक लेकर ही रहेंगे, हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हालांकि सरकार ने यहां लोगों अपने खिलाफ नहीं बोलने दे रही है, आवाज को दबाया जा रहा है, लेकिन हम घर-घर जाकर लोगों को जमा करेंगे। जम्मू कश्मीर की आवाज हर जगह उठाएंगे।

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