Jammu Kashmir: महबूबा ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी सियासी गतिविधियों के लिए इजाजत

याचिका में इल्तिजा ने याचिका में सर्वाेच्च अदालत से आग्रह किया है कि वह महबूबा को पीएसए के तहत बंदी बनाए जाने और फिर पीएसए को तीन माह के लिए दोबारा बढ़ाने संबंधी आदेशों को तत्काल प्रभाव से खारिज करे।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 12:52 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 12:52 PM (IST)
Jammu Kashmir: महबूबा ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी सियासी गतिविधियों के लिए इजाजत
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने बुधवार को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत अपनी मां को बंदी बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका में संशोधन के लिए सर्वाेच्च न्यायालय से आग्रह किया है। इल्तिजा ने सर्वोच्च अदालत से आग्रह किया है कि उनकी मां को राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने की इजाजत दी जाए।

उन्होंने कहा कि उनकी मां एक राजनीतिक पार्टी की अध्यक्ष हैं। इसलिए उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करने करने दिया जाए। उन्हें अपने लोगों, पार्टी के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मिलने-बातचीत करने की छूट दी जाए। उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र समेत विभिन्न स्थलों का दौरा करने की अनुमति दी जाए ताकि वह लोगों के बीच बैठकर बात कर सकें। महबूबा को पांच अगस्त 2019 को एहतियातन हिरासत में लिया गया था। इसकेबाद इसी साल फरवरी में उन्हें पीएसए के तहत बंदी बना लिया गया।

इल्तिजा ने कहा कि उन्होंने अपनी मां को पीएसए के तहत बंदी बनाए जाने के फैसले को सर्वाेच्च न्यायालय में चुनौती दी है। अब बुधवार को संशोधन याचिका दायर की। इसमें उन्होंने अपील की है कि सर्वोच्च अदालत जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन को निर्देश दे कि महबूबा मुफ्ती से उनके परिवार के लोगों और रिश्तेदारों को हफ्ते में पांच दिन मिलने का मौका दिया जाए। इसके अलावा उनके घर का लैंडलाइन फोन बहाल किया जाए। नई याचिका में कहा गया है कि बंदी बनाए जाने के लिए जारी डोजियर बेकार, असंवैधानिक और आधारहीन है। कानून का दुरुपयोग करते हुए जन सुरक्षा अधिनियम की धारा 83 की उपधारा 3 बी का भी उल्लंघन किया गया है।

इल्तिजा ने कहा कि उन्होंने सर्वाेच्च न्यायालय के संज्ञान में लाने का प्रयास किया है कि नोटिस के बाद भी जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कोई जवाब दाखिल नहीं किया है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री के साथ किए जा रहे व्यवहार को भी अदालत के संज्ञान में लाने का प्रयास कर रहे हैं। यह कहा है याचिका में इल्तिजा ने याचिका में सर्वाेच्च अदालत से आग्रह किया है कि वह महबूबा को पीएसए के तहत बंदी बनाए जाने और फिर पीएसए को तीन माह के लिए दोबारा बढ़ाने संबंधी आदेशों को तत्काल प्रभाव से खारिज करे। अवैध रूप से हिरासत में रखे जाने का मुआवजा और न्यायिक प्रक्रिया में हुआ खर्च भी दिलाया जाए।

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