Mehbooba Tweets : मेरे खिलाफ की गई टिप्पणी वापस लें या मुकदमे का सामना करने को तैयार रहें सत्यपाल मलिक: महबूबा

महबूबा ने अपने अपने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरे बारे में रोशनी एक्ट का लाभार्थी होने के बारे में सत्य पाल मलिक का झूठा और तथ्यहीन बयान बेहद शर्मनाक है। मेरी कानूनी टीम उस पर मुकदमा चलाने की तैयारी कर रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 02:29 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 02:52 PM (IST)
Mehbooba Tweets : मेरे खिलाफ की गई टिप्पणी वापस लें या मुकदमे का सामना करने को तैयार रहें सत्यपाल मलिक: महबूबा
सत्यपाल मलिक के पास एक ही विल्प है कि वह अपनी टिप्पणियों को वापस लें।

श्रीनगर, जेएनएन : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष व जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मेघालय राज्यपाल सत्यपाल मलिक को चेतावनी दी है कि वह रोशनी एक्ट को लेकर उन पर गई टिप्पणी को या तो वापस लें या फिर मुकदमे का सामना करने को तैयार रहें। उन्होंने इसी के साथ यह भी कहा कि सत्य पाल मलिक का झूठा व तथ्यहीन ब्यान शर्मनाक है।

महबूबा ने अपने अपने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरे बारे में रोशनी एक्ट का लाभार्थी होने के बारे में सत्य पाल मलिक का झूठा और तथ्यहीन बयान बेहद शर्मनाक है। मेरी कानूनी टीम उस पर मुकदमा चलाने की तैयारी कर रही है। महबूबा ने कहा कि सत्यपाल मलिक के पास एक ही विल्प है कि वह अपनी टिप्पणियों को वापस लें। नहीं तो वह कानून का सहारा लेंगी।  

False & unsavoury utterances of Satya Pal Malik about me being a beneficiary of Roshni Act is highly mischievous.

My legal team is preparing to sue him.

He has the option to withdraw his comments failing which I will pursue legal recourse. pic.twitter.com/QVSOEFLGYp

— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 20, 2021

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल व मेघालय के मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर रोशनी एक्ट का जिक्र करते हुए बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद फारूक अब्दुल्ला बिजली सप्लाई व्यवस्था में सुधार लाने के लिए 2001 में इस एक्ट को लाए थे। अफसोस इस बात है कि इस एक्ट के आने के बाद जम्मू-कश्मीर में बिजली की हालत में तो कोई सुधार नहीं हुआ परंतु कई एकड़ का प्लाट फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत कई राजनीतिज्ञों को मिल गया। मुझे जब लोगों ने शिकायत की, मैंने पता लगाया और अधिकारियों ने इसे सही बताया। मैंने जांच बैठा दी। क्योंकि जांच एजेंसी भी सरकारी थी इसलिए मैंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा।

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की जज गीता मित्तल ने तथ्यों के आधार पर पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। उसी जांच का असर है कि राजनीतिज्ञों, नौकरशाहों, व्यापारियों को अलाट की गई सरकारी जमीनें रद कर दी गई हैं। सत्यपाल ने कहा कि इसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सरकारी जमीनों को चिन्हित करने को कहा। पाया गया कि करोड़ों रूपये मूल्य की सरकारी भूमि खाली पड़ी है। इस पर एक अधिकारी ने मुझे से कहा कि सर, आपके जाते ही इस भूमि पर कब्जा हो जाएगा। महबूबा के आदमियों को इस भूमि पर कब्जा करते समय नहीं लगेगा।

वह एक खुटा गाढ़कर भैंसा बांध यह कहने लगता है कि ये सारी भूमि उसकी की है। ऐसे ही फारूक अब्दुल्ला भी कर लेंगे। इस सरकारी भूमि पर कब्जा न हो इसके लिए मैंने वे सारी भूमि सेना के हवाले कर दी। सत्यपाल मलिक के इस भाषण में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे में अपना नाम आने पर महबूबा तिलमिला गई हैं। उन्होंने पूर्व राज्यपाल की इस ब्यानबाजी को शर्मनाक बताते हुए उन्हें अपने टिप्पणी जल्द वापस लेने को कहा है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो मैं उनके खिलाफ मुकदमा करूंगी।

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