Mehbooba Mufti की कश्मीर के युवाओं से अपील-बंदूक का रास्ता छोड़ें, 5 अगस्त के फैसले को न मानें

महबूबा ने कहा कि युवाओं से यह भी कहा कि वे 5 अगस्त को हुए उस फैसले जिसमें जम्मू-कश्मीर के विलय को भारत के साथ खत्म कर दिया उसे कभी न मानें। वह जम्मू-कश्मीर को दक्षिण एशिया में एक मॉडल देखना चाहती हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 03:20 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 03:36 PM (IST)
Mehbooba Mufti की कश्मीर के युवाओं से अपील-बंदूक का रास्ता छोड़ें, 5 अगस्त के फैसले को न मानें
अगर आप जम्मू-कश्मीर के लोगों को चाहते हो तो उनका सम्मान वापस करो।

जम्मू, जेएनएन। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के युवाओं से अपील की है कि वे बंदूक का रास्ता त्याग दें। अपना हक पाने के लिए वे लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष करें। पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरूआत करते हुए महबूबा ने कहा कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जो फैसला किया गया था, उसे वे कभी भी स्वीकार नहीं कर सकते। जम्मू-कश्मीर के अधिकारों और उनकी पहचान को छीन लिया गया था। इस सबको वापस बहाल करने की जरूरत है।

महबूबा ने कहा कि जिन लोगों ने जम्मू-कश्मीर को जेल बनाकर रखा हुआ है, उन्हें यह समझना होगा कि जम्मू-कश्मीर के लोग कभी भी इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे। हम अपने अंतिम सांस तक संघर्ष करेंगे। अगर कोई पत्रकार इस बारे में कुछ लिखता है तो उस पर केस दर्ज कर दिया जाता है। यह पाकिस्तान नहीं है बल्कि भारत है, जिसने हमें यह हक दिया था। उन्हें यह बात समझ नहीं आती जब वह अपने देश से यह न्याय मांगती हैं तो भाजपा वालों को गुस्सा क्यों आता है? क्या यह मैं पाकिस्तान से मांगू?

पीडीपी ने हमेशा ही जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए प्रयास किया है और उनकी पार्टी का यह हमेशा से प्रयास रहा है कि जम्मू-कश्मीर दक्षिण एशिया में शांति स्थापित करने के लिए एक पुल का काम करे और पूरे दक्षिण एशिया में शांति का मॉडल बने।

इस बार सार्क सम्मेलन भी पाकिस्तान में होने जा रहा है। महबूबा ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें अवश्य भाग लेंगे। क्योंकि बातचीत से ही हर समस्या का समाधान संभव है। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए महबूबा ने कहा कि कोई भी आंदोलन जिसमें बंदूक शामिल हो जाए वह सफल नहीं होता। इसीलिए वह कश्मीरी युवाओं से अपील कर रही हैं कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ दें।

अगर कश्मीर समस्या का समाधान चाहते हैं तो हमें लोकतांत्रिक रास्ता अपनाना होगा। भारत और पाकिस्तान को बातचीत के लिए मजबूर करना होगा।

chat bot
आपका साथी