Jammu Kashmir: महबूबा की चेतावनी, 'अगस्त 2019 में दिल्ली ने जो कुछ भी छीना, उसे ब्याज सहित लौटाना होगा'
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया गया। कश्मीर के लोगों ने इस दौरान जो कुछ भी बर्दाश्त किया है वह भारत या उसके संविधान की वजह से नहीं बल्कि एक व्यक्तिगत पार्टी की वजह से है।
श्रीनगर, जेएनएन: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पार्टी स्थापना दिवस पर दिल्ली सरकार को ललकारते हुए चेतावनी दी कि 05 अगस्त, 2019 को कश्मीरियों से जो कुछ भी छीना गया, उसे ब्याज सहित वापस करना होगा।
पीडीपी के 22वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि अगस्त 2019 में जो निर्णय लिया गया, जम्मू-कश्मीर के लोगों को वोट हासिल करने के लिए बलि का बकरा बनाया गया था।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया गया। कश्मीर के लोगों ने इस दौरान जो कुछ भी बर्दाश्त किया है, वह भारत या उसके संविधान की वजह से नहीं बल्कि एक व्यक्तिगत पार्टी की वजह से है। महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान उनसे छीन ली गई। 5 अगस्त, 2019 को लोगों से जो कुछ भी छीन लिया गया था, दिल्ली सरकार को उसे ब्याज के साथ वापस करना होगा।
महबूबा ने कहा कि जब भारत 70 साल बाद अंग्रेजों से आजादी हासिल कर सकता है, जब भाजपा 70 साल बाद जम्मू-कश्मीर की पहचान छीन सकती है तो फिर हम अपने अधिकारों के लिए लंबी क्यों नहीं लड़ सकते।
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग भारत के साथ रहना चाहते हैं। इसलिए वह अपना हक वापस हासिल करने तक इसी तरह अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे। उन्होंने इस दौरान युवाओं से आतंकवाद से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि युवा हथियार उठाएं, लेकिन युवाओं को इस रास्ते से दूर रहना है। जिस तरह महात्मा गांधी ने अहिंसा के मार्ग पर चलकर शांतिपूर्ण ढंग से अंग्रेजाें के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ी, हम भी उसी रास्ते पर चलकर अपना हक हासिल करेंगे।
जम्मू-कश्मीर के लोग भारत के लोकतांत्रिक स्वरूप के कारण भारत के साथ रहना पसंद करते हैं, लेकिन भारत ने जो कुछ भी जम्मू-कश्मीर के लोगों को दिया, वह छीन लिया गया है। आज सेनाएं पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देशों से नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों से लड़ रही है। यह सही नहीं है।
महबूबा ने कहा कि मेरे पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कश्मीर के लोगों को दमन प्रणाली से बाहर निकालने के लिए ही पीडीपी पार्टी की स्थापना की थी। उन्होंने कभी भी विकास के मुद्दों पर वोट नहीं मांगा। हालांकि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और सड़कों का निर्माण करके विकास किया, लेकिन उन्होंने हमेशा कश्मीरियों की भलाई के लिए वोट मांगा, ताकि वे जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं, उससे बाहर निकलने में उनकी मदद कर सकें।