मनोज शर्मा के कविता संग्रह का विमोचन
शहीदों की याद में संस्कृति मंच जम्मू (समज) ने शनिवार को पोस्टर प्रदर्शनी लगाई। यह प्रदर्शन शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के विचारों और अवतार सिंह पाश व मनोज शर्मा की कविताओं पर आधारित थी।
जागरण संवाददाता, जम्मू : शहीदों की याद में संस्कृति मंच, जम्मू (समज) ने शनिवार को पोस्टर प्रदर्शनी लगाई। यह प्रदर्शन शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के विचारों और अवतार सिंह 'पाश' व मनोज शर्मा की कविताओं पर आधारित थी। इसी अवसर पर समज की 'वसंत के हरकारे' श्रृंखला के तहत मनोज शर्मा के कविता संग्रह 'मील पत्थर बुला रहा है' तथा उनके पांचों संग्रहों से चयनित व पंजाबी में अनुवादित कविताओं की पुस्तकें विमोचित की गयी। यह अनुवाद वरिष्ठ पंजाबी कवि व पंजाबी पत्रिका साहित्यिक ऐकम की संपादक अरतिन्दर संधू ने किया है।
स्वागत भाषण में 'समज' के महासचिव शेख मोहम्मद कल्याण ने संस्था के आगामी कार्यक्रमों की सूचना दी। इस समारोह की अध्यक्षता प्रतिष्ठित साहित्यकार महाराज कृष्ण संतोषी व जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के पूर्व सचिव, संपादक, वरिष्ठ कवि, चितक व चित्रकार, रमेश मेहता ने की।
पंजाबी पुस्तक पर अपने पत्र में डा. बलजीत सिंह रैना ने कहा कि ये कविताएं अंतस को गहरे से प्रभावित करती हैं। युवा कवि कमलजीत चौधरी ने मनोज शर्मा की पुस्तक मील पत्थर बुला रहा पर पेपर पढ़ा। जिसे काफी पसंद किया गया। मनोज शर्मा ने अपनी कुछ रचनाएं पढ़ कर सुनाई।
अध्यक्षीय वक्तव्य में महाराज कृष्ण संतोषी ने मनोज के शिल्प में आए बदलाव को रेखांकित किया। रमेश मेहता ने 'समज' की यात्रा को आंकते हुए कहा कि यह संस्था वाहवाही के लिए कतई कार्यरत नहीं है। उन्होंने मनोज शर्मा की कविता को बेहतर समय की आहट कहा। ये कविताएं हमें आश्वस्त करती हैं। मंच संचालन राज कुमार बहरूपिया ने किया। सभी ने कविता संग्रह की काफी प्रसंशा की।