अब कड़ी निगरानी में रहेंगे माता वैष्णो देवी श्रद्धालु, बाण गंगा-भवन मार्ग, भैरो घाटी मार्ग तक लगेंगे सीसीटीवी

बोर्ड ने कर्मचारियों को भी कई तोहफे दिए हैं। इसमें कर्मियों को नियमित करने की अवधि को सात से तीन साल कम कर दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 11:07 AM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 11:07 AM (IST)
अब कड़ी निगरानी में रहेंगे माता वैष्णो देवी श्रद्धालु, बाण गंगा-भवन मार्ग, भैरो घाटी मार्ग तक लगेंगे सीसीटीवी
अब कड़ी निगरानी में रहेंगे माता वैष्णो देवी श्रद्धालु, बाण गंगा-भवन मार्ग, भैरो घाटी मार्ग तक लगेंगे सीसीटीवी

जम्मू, राज्य ब्यूरो। माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए देश-विदेश से आने श्रद्धालु अब पूरे यात्रा मार्ग पर सीसीटीवी की निगरानी में रहेंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और पूरे यात्रा मार्ग पर नजर रखने के लिए दर्शनी ड्योडी से भवन तक पूरे ट्रैक पर सीसीटीवी निगरानी प्रणाली स्थापित की जाएगी। किसी भी अनहोनी या अप्रिय घटना होने पर तत्काल यात्रियों को सुविधा व सुरक्षा मुहैया करवाई जाएगी। यह अहम फैसला वीरवार को राजभवन में उपराज्यपाल गिरीश चंद्र चंद्र मुर्मु की अध्यक्षता में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की 65वीं बैठक में लिया गया। बैठक में श्रीश्री रविशंकर समेत श्राइन बोर्ड के सभी सदस्य मौजूद रहे।

बैठक में यात्रा के पहले पड़ाव दर्शनी ड्योडी से भवन तक पूरे ट्रैक तथा भैरो घाटी मार्ग पर सीसीटीवी लगाने पर चर्चा की गई। तय हुआ कि कुल 250 कैमरे लगाए जाएंगे। इसकी टेंडरिंग का काम जल्द किया जाएगा और इसके एक साल के भीतर काम पूरा किया जाएगा। कटड़ा में इसका कंट्रोल रूम स्थापित होगा। इस पूरी योजना पर 13 करोड़ की लागत आएगी। यह सीसीटीवी ताराकोटा मार्ग, पारंपरिक मार्ग, बैटरी कार और भैरो घाटी मार्ग पर लगाए जाएंगे। यह प्रणाली न केवल तीर्थयात्रियों की आवाजाही की निगरानी करेगी बल्कि समग्र सुरक्षा उपायों को मजबूत करने में भी मदद करेगी।

चार हजार यात्रियों के लिए होगा दुर्गा भवन का निर्माण: बोर्ड ने भवन मास्टर प्लान की स्थिति की भी समीक्षा की। इसमें सबसे अहम भवन क्षेत्र में लगभग 4000 तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए निशुल्क दुर्गा भवन का निर्माण शामिल है। इसपर करीब 35 करोड़ खर्च होने का अनुमान है और यह चार साल में पूरा होगा। इसके अलावा भवन में कतार प्रबंधन प्रणाली, भवन में निकास ट्रैक और भैरो मंदिर में भी कतार प्रबंधन प्रणाली पर चर्चा की गई। भवन मास्टर प्लान के पहले चरण को लागू करने पर अनुमानित लागत 90 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

24 महीने में पूरा होगा भूमिगत केबलिंग परियोजना का काम: बोर्ड ने कटड़ा से भवन और आसपास के क्षेत्रों में भूमिगत केबलिंग परियोजना की स्थिति की भी समीक्षा की, जो पहले से ही गाजियाबाद आधारित मैसर्स जेएसपी कंपनी को आवंटित है। बैठक में बताया गया कि ताराकोट मार्ग से परियोजना पर काम शुरू हो गया है और इस काम को पूरा होने में 24 महीने लगेंगे। इसकी अनुमानित लागत 78 करोड़ रुपये है। बैठक में वर्तमान वर्ष के लिए बोर्ड के वार्षिक ग्रीन प्लान के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई और वर्ष 2020-21 के लिए वार्षिक ग्रीन प्लान को भी मंजूरी दी गई। इसके तरह यात्रा मार्ग को हरा-भरा किया जाएगा।

कर्मचारियों के लिए तोहफे: बोर्ड ने कर्मचारियों को भी कई तोहफे दिए हैं। इसमें कर्मियों को नियमित करने की अवधि को सात से तीन साल कम कर दिया है। बोर्ड ने कई काडरों के पुनर्गठन के लिए गठित कमेटी की सिफारिशों को लागू करने पर भी मंजूरी दे दी। शुरुआत में नर्सिंग, मेडिकल, सफाई कर्मचारियों का पुनर्गठन होगा। यही नहीं, कर्मचारी कल्याण फंड स्थापित करने को भी मंजूरी दी गई। शुरुआत में श्राइन बोर्ड इस पर काप्र्स फंड बनाएगा। इसके बाद सभी कर्मचारियों को भी इसमें योगदान देना होगा।

तय समय सीमा में पूरी करें परियोजनाएं: इससे पहले उपराज्यपाल ने पूर्व चेयरमैन सत्यपाल मलिक और बोर्ड के सदस्यों की ओर से तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने पर उनके योगदान की सराहना की। उपराज्यपाल ने सीईओ रमेश कुमार को निर्देश दिया कि सभी परियोजनाओं को तय समय सीमा पर पूरा किया जाए। बैठक में बोर्ड के सदस्यों में डॉ. अशोक भान, केबी काचरू, केके शर्मा, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) प्रमोद कोहली, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) शिव कुमार शर्मा और विजय धर, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव बिपुल पाठक, श्राइन बोर्ड के निवर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिमरनदीप ङ्क्षसह, बोर्ड के नामित सीईओ रमेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक वर्मा, और बोर्ड के चीफ इंजीनियर एमएम गुप्ता भी उपस्थित रहे।

chat bot
आपका साथी