Kashmir से 10 और कश्मीरी हिंदू कर्मचारी जगटी लौटे, सरकार ने कहा-अवकाश का कोई आदेश नहीं
कुछ साल पहले सरकार ने कश्मीरी विस्थापित हिंदुओं को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज की घोषणा की गई थी। इसके तहत छह हजार नौकरियों को प्रविधान रखा गया था। इसमें से चार हजार पद भर लिए गए। इन कर्मचारियों को घाटी में तैनात किया गया।
जम्मू, जागरण संवाददाता : कश्मीर में गैर मुस्लिमों पर आतंकी हमलों से डरे कश्मीरी हिंदुओं का जम्मू लौटने का सिलसिला रुक नहीं रहा है। प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत कश्मीर में नौकरी पाने वाले कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों का जम्मू में जहां-जहां उनका बसेरा है, वहां पहुंच रहे हैं। जगटी क्षेत्र में 10 कश्मीरी हिंदू कर्मचारी रविवार को अपने स्वजन के पास पहुंचे।
जगटी टेनमेंट कमेटी के प्रधान शादी लाल पंडिता का कहना है कि इन कर्मियों को मिलाकर अब तक यहां पर करीब 30 कश्मीरी पंडित परिवार के पास आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि घाटी में जिस तरह के हालात बने हुए हैं, इसमें अब कश्मीरी पंडित कर्मचारी कदापि सुरक्षित नहीं हैैं। उन्होंने बताया कि घाटी से लौट रहे कर्मचारियों का कहना है कि वहां 1990 के हालात बनते दिख रहे हैं।
कुछ साल पहले सरकार ने कश्मीरी विस्थापित हिंदुओं को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज की घोषणा की गई थी। इसके तहत छह हजार नौकरियों को प्रविधान रखा गया था। इसमें से चार हजार पद भर लिए गए। इन कर्मचारियों को घाटी में तैनात किया गया। अब बदले हालात को देखते हुए यह लोग जम्मू में अपने घर लौटने लगे हैं। शोपियां से लौटने वाले कश्मीरी पंडितों का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि कश्मीर में गैर मुस्लिम सुरक्षित नहीं हैैं।
हम अपने आप को असुरक्षित समझ रहे थे, इसलिए जम्मू वापस आना पड़ा। जगटी लौटे सुमीत भट्ट कश्मीर में बिस्सू क्षेत्र में वह अध्यापक हैं, लेकिन उन्हें भी लौटना पड़ा। उन्होंने कहा कि 1990 का दौर आज भी उनको याद है। ऐसे ही हालात बनते दिख रहे हैं। इसलिए जोखिम नहीं ले सकते।
सरकारी कर्मचारियों को अवकाश का कोई आदेश नहीं
कश्मीर में निर्दोष लोगों की हत्या के बाद उपजे हालात के बीच घाटी में तैनात अल्पसंख्यक सरकारी कर्मचारियों को कोई विशेष अवकाश नहीं दिया गया है। सरकार ने रविवार को स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों के लिए विशेष अवकाश देने का कोई आदेश जारी नहीं किया है। इंटरनेट मीडिया पर चल रही खबरें निराधार और गुमराह करने वाली हैं। इंटरनेट मीडिया पर कर्मचारियों को दस दिन का अवकाश दिए जाने की खबरें आई थी।
गत दिनों कश्मीर में हत्याओं के बाद बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के सरकारी कर्मी डरे-सहमे हुए हैं। कुछ कर्मचारी तो जम्मू भी पहुंच गए हैं। कश्मीर सिख संगत ने कहा है कि जब तक सरकार कर्मचारियों को सुरक्षा की गांरटी नहीं देती है तब तक कर्मचारियों को नौकरी पर नहीं जाना चाहिए।