Jammu Kashmir: मेजर जनरल अभिजीत ने संभाली सेना की वज्र डिवीजन की कमान

वज्र डिवीजन के नए जीओसी का पदभार संभालने वाले मेजर जनरल अभिजीत को नौ जून 1990 को आइएमए देहरादून से असम रेजीमेंट की छठी बटालियन में कमीशन मिला था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के छात्र रहे हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 07:32 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 07:32 AM (IST)
Jammu Kashmir: मेजर जनरल अभिजीत ने संभाली सेना की वज्र डिवीजन की कमान
मेजर जनरल अभिजीत के पास पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर में गहन आतंकरोधी अभियानों में काम करने का व्यापक अनुभव है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : मेजर जनरल अभिजीत एस पेंढारकर ने कश्मीर में सेना की 15 कोर की वज्र डिवीजन की कमान रविवार को संभाल ली। नियंत्रण रेखा की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली इस अहम सैन्य डिवीजन की जिम्मेदारी उन्होंने मेजर जनरल वीएमबी कृष्णन से संभाली है। मेजर जनरल कृष्णन जल्द ही मिजोरम के वैरेंगटे में सेना के काउंटर इनसर्जेंसी जंगल वारफेयर स्कूल के नए कमांडेंट का पद संभालने के लिए रवाना होंगे।

वज्र डिवीजन के नए जीओसी का पदभार संभालने वाले मेजर जनरल अभिजीत को नौ जून 1990 को आइएमए देहरादून से असम रेजीमेंट की छठी बटालियन में कमीशन मिला था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के छात्र रहे हैं। जीओसी का पदभार संभालने से पहले वह जम्मू कश्मीर में ही नियंत्रण रेखा की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली एक ब्रिगेड को कमान भी कर चुके हैं। वह नियंत्रण रेखा की सुरक्षा का खासा अनुभव रखते हैंं। उन्होंने सामरिक अध्ययन में एमएससी और दर्शनशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की है। उनके पास पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर में गहन आतंकरोधी अभियानों में काम करने का व्यापक अनुभव भी है।

भारतीय सेना में रहकर देश-विदेश में कई अहम पदों पर काम कर चुके मेजर जनरल अभिजीत को उल्लेखनीय सेवा के लिए कई पदक मिल चुके हैं। कुछ समय पहले ही उन्हें सेना की मध्य कमान के जीओसी इन सी के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही उन्हें युद्ध सेवा पदक से भी नवाजा जा चुका है।

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