Jammu: मचेल माता मंदिर के कपाट तीन महीनों के लिए हुए बंद, पहलवान सिंह के घर रहने पहुंची महाकाली

पिछले वर्ष कोरोना महामारी के चलते मंदिर में उत्सव नहीं हो पाया था। सादगी के साथ मूर्ति को उठाकर पुजारी द्वारा मंदिर में स्थापित कर दिया गया था। स्थानीय लोगों को भी मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी लेकिन अब माहौल थोड़ा सा सुधर गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 10:18 AM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 10:18 AM (IST)
Jammu: मचेल माता मंदिर के कपाट तीन महीनों के लिए हुए बंद, पहलवान सिंह के घर रहने पहुंची महाकाली
लोगों को उम्मीद है कि आने वाली बैसाखी के दिन मचेल में उत्सव को मनाएंगे।

किश्तवाड़, संवाद सहयोगी: माता चंडी के मंदिर में माता चंडी, सरस्वती और माता महाकाली की पूजा-अर्चना के बाद मचेल माता चंडी के दरबार के कपाट बंद हो गए। अब तीन महीने के बाद बैसाखी के दिन कपाट खोले जाएंगे।

मचेल गांव की रीति के मुताबिक वीरवार को सुबह मचेल माता के मंदिर में साफ-सफाई के बाद पुजारी ने आरती, पाठ पूजा किया। इसमें स्थानीय लोग भी शामिल हुए। पूजा के बाद माता महाकाली की मूर्ति को लाल चुनरी में लपेट कर पुजारी मनोज कुमार ने उठाया और मंदिर से निकल पड़े। उनके निकलते ही मंदिर के कपाट को बंद कर दिया गया। इसके बाद पुजारी माता महाकाली की मूर्ति लेकर पहलवान ङ्क्षसह के घर की छत पर बने मंदिर में पहुंचे और मूर्ति को स्थापित किया। वहां भी पूजा-अर्चना के बाद भजन-कीर्तन किए गए। सभी को प्रसाद वितरण किया गया।

कोरोना महामारी के कारण पिछली बार नहीं हुआ था उत्सव: अब माता चंडी का दरबार बैसाखी के दिन खुलेगा। बैसाखी के दिन मचेल में मेले जैसा उत्सव मनाया जाता है। लोग नाच गाकर इस उत्सव को मनाते हैं और दोबारा माता की मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया जाता है। बैसाखी के दिन मचेल तथा उसके आसपास के लोग माता का गुणगान करके और नाच गाकर यह उत्सव मनाते हैं। पहले तो इस उत्सव में स्थानीय लोग ही शामिल होते थे, लेकिन अब कुछ साल से बाहरी जिलों के लोग उत्सव में शामिल होते हैं और मेले की रौनक बढ़ाते हैं।

पिछले वर्ष कोरोना महामारी के चलते मंदिर में उत्सव नहीं हो पाया था। सादगी के साथ मूर्ति को उठाकर पुजारी द्वारा मंदिर में स्थापित कर दिया गया था। स्थानीय लोगों को भी मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन अब माहौल थोड़ा सा सुधर गया है। लोगों को उम्मीद है कि आने वाली बैसाखी के दिन मचेल में उत्सव को मनाएंगे। 

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