Mata Vaishno Devi: मां वैष्णो देवी मार्ग पर विचरण करते दिख रहे हैं जंगली जानवर, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षाबल तैनात
पूरी तरह से वर्तमान में वीरान पड़े भवन मार्ग पर अक्सर जंगली जानवरों को विचरण करते देखा जा सकता है। इन जानवरों में हिरण प्रजाति के चीतल जंगली बकरी मोर तेंदुआ तथा विभिन्न प्रकार के पंछी आदि देखे जा रहे हैं।
कटड़ा, संवाद सहयोगी । बीते वर्ष की भांति जारी वर्ष में भी कोरोना महामारी की प्रचंड लहर के कारण विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मां वैष्णो देवी के भवन के साथ ही मार्ग पूरी तरह से सुनसान है क्योंकि प्रतिदिन मात्र कुछ सौ श्रद्धालु ही अपनी वैष्णो देवी यात्रा कर रहे हैं। पूरी तरह से वर्तमान में वीरान पड़े भवन मार्ग पर अक्सर जंगली जानवरों को विचरण करते देखा जा सकता है। इन जानवरों में हिरण प्रजाति के चीतल, जंगली बकरी, मोर, तेंदुआ तथा विभिन्न प्रकार के पंछी आदि देखे जा रहे हैं। इसके साथ ही भवन मार्ग पर अक्सर बंदरों के साथ ही लंगूर आदि भी खाने की तलाश में लगातार भटक रहे हैं, परंतु इन जानवरों द्वारा अभी तक यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है। इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही सही परंतु लगातार श्रद्धालु अपनी वैष्णो देवी यात्रा वर्तमान में भी कर रहे हैं।
कोरोना महामारी की प्रचंड लहर को लेकर कई प्रकार की पाबंदियां भी निरंतर जारी हैं परंतु धार्मिक स्थल इन पाबंदियों से फिलहाल बाहर रखे हुए हैं। श्रद्धालु निरंतर मंदिरों के साथ ही धार्मिक स्थलों की ओर निरंतर रुख कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए श्राइन बोर्ड प्रशासन द्वारा मां वैष्णो देवी के सभी मार्गों पर लोहे की प्रोटेक्शन वॉल लगाई गई हैं। अक्सर जंगली जानवर नजदीकी पहाड़ियों पर देखे जा सकते हैं और कभी कबार लंगूर, बंदर या फिर चीतल आदि यहां तक की तेंदुआ आदि भी भवन मार्ग पर अक्सर लोगों द्वारा देखा गया है|
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते बीते वर्ष की भांति जारी वर्ष में भी वर्तमान में मां वैष्णो देवी का भवन यहां तक कि सभी मार्ग पूरी तरह से सुनसान पड़े हुए हैं। जिसको लेकर अक्सर जंगली जानवर भवन मार्ग की ओर रुख करते रहते हैं। वैष्णो देवी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचे इसको लेकर जहां भवन मार्ग के जगह जगह पर पुलिस के साथ ही सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं तो दूसरी ओर आपदा प्रबंधन दाल के साथ ही श्राइन बोर्ड प्रशासन के कर्मचारी व अधिकारी लगातार तैनात हैं।
मां वैष्णो देवी का त्रिकुटा पर्वत वाइल्ड लाइफ सेंचुरी क्षेत्र के अधीन आता है। इस क्षेत्र में तेंदुआ के साथ ही चीतल व अन्य प्रकार के जानवर अक्सर विचरण करते रहते हैं। वही मां वैष्णो देवी की यात्रा करने वाले श्रद्धालु अक्सर इन जानवरों को देखकर अचंभित हो जाते हैं। अपने कैमरे के साथ ही मोबाइल आदि में जानवरों की तस्वीरें कैद करते हैं। कोरोना महामारी की प्रचंड लहर के कारण वर्तमान में मां वैष्णो देवी यात्रा में भारी कमी निरंतर जारी है। बीते 7 मई को मात्र 400 श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी के चरणों में हाजिरी लगाई थी तो वहीं 8 मई को बाद दोपहर 2:00 बजे तक मात्र 200 श्रद्धालु भवन की ओर प्रस्थान कर चुके थे और इक्का-दुक्का श्रद्धालुओं का आना निरंतर जारी था।