Jammu: बिजली कटौती पर उपराज्यपाल सख्त, बोले-आपका पसीना बेकार नहीं जाएगा, लापरपाह अधिकारियों को मिलेगी सजा
उपराज्यपाल ने कहा कि हर साल बिजली पर 3500 करोड़ रुपये के नुकसान के बावजूद जम्मू कश्मीर सरकार ट्रांसमिशन वितरण नेटवर्क और बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए काम कर रही है। जमीन पर नतीजे दिखाई देना शुरू हो गए हैं। सर्दी में कश्मीर में बिजली की सप्लाई बाधित नहीं हुई।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू संभाग के लोगों को आश्वासन दिया है कि मुख्य सचिव की तरफ से गठित की गई कमेटी विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की अघोषित कटौती के मामले की जांच करेगी। उन्होंने कहा कि मैं आप लोगों का पसीना जाया नहीं जाने दूंगा जो भी लापरवाह अधिकारी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
श्रीनगर स्थित सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक में उपराज्यपाल ने कहा कि गर्मी आने से पहले कई बैठकें की गईं और बिजली की सप्लाई को बेहतर बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई। इसके बावजूद जम्मू में बिजली की जो अघोषित कटौती हुई है, वह सामान्य नहीं है। इसलिए उन्होंने मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता से कमेटी गठित कर मामले की जांच करने के लिए कहा है। जांच में जो भी अधिकारी लापरवाह पाए जाएंगे, उन्हें कानून के तहत कड़ी सजा दी जाएगी।
भविष्य में 24 घंटे बिजली मिलेगी: उपराज्यपाल ने कहा कि हर साल बिजली पर 3500 करोड़ रुपये के नुकसान के बावजूद जम्मू कश्मीर सरकार ट्रांसमिशन, वितरण नेटवर्क और बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए काम कर रही है। जमीन पर नतीजे दिखाई देना शुरू हो गए हैं। सर्दी में कश्मीर में बिजली की सप्लाई बाधित नहीं हुई। भविष्य में जम्मू-कश्मीर के लोगों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाएंगे। मौसम की कड़ी चुनौती के कारण अगर बिजली ढांचे को नुकसान पहुंचता है, तो उसकी बहाली के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
प्रदेश में बिजली उत्पादन की काफी क्षमता: उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर में बिजली उत्पादन की काफी क्षमता है। कुल क्षमता 14867 मेगावाट है, जिसमें से पिछले 70 साल से सिर्फ 3504.90 मेगावाट का ही उपयोग हो रहा है। पिछले 11 महीनों के दौरान हमने 3500 मेगावाट की परियोजनाएं शुरू की हैं। इन्हें अगले चार साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।