Jammu Kashmir : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बोले- अधिक से अधिक युवा मैदान तक पहुंचे ऐसी हो खेल नीति
इस बात पर भी बल दिया गया कि खेलों की ढ़ाचागत सुविधाएं हर क्षेत्र में पहुंचानी होंगी। ढ़ांचागत सुविधाओं के साथ-साथ अच्छे प्रशिक्षक भी होने जरूरी हैं।खेलों काे शिक्षा का हिस्सा बनाने की जरूरत है। खिलाड़ियों की जागरूकता एवं प्रशिक्षकों की एड़वास ट्रेनिंग समय-समय पर हो।
जम्मू, जागरण संवाददाता : उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने जम्मू-कश्मीर खेल नीति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि खेल नीति ऐसी होनी चाहिए कि हर युवा खेल मैदान में आना चाहे। खेलों में अपना भविष्य बनाना चाहिए। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने वालों, पदक विजेताओं के लिए ऐसी नीति बननी चाहिए कि उन्हें अपने भविष्य को लेकर चिंतित होने के बजाए खेलों में उज्जवल भविष्य दिखना चाहिए।
यह तभी संभव है जब खिलाड़ियों की इनामी राशि शुरू की जाए।उन्हें पता हो कि अगर वह पदक जीत कर लाएंगे तो उन्हें इनामी राशी और नौकरी मिलेगी।फारूक खान का कहना था कि प्राइवेट सेक्टर भी खेलों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लें। खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करें। इसके लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए।एक प्रतिस्पर्धा की भावना बनना सबसे जरूरी होगा। बैठक में निदेशक युवा सेवा एवं खेल विभाग, जम्मू-कश्मीर खेल परिषद की सचिव आदि कई अधिकारी मौजूद थे।
इस बात पर भी बल दिया गया कि खेलों की ढ़ाचागत सुविधाएं हर क्षेत्र में पहुंचानी होंगी। ढ़ांचागत सुविधाओं के साथ-साथ अच्छे प्रशिक्षक भी होने जरूरी हैं।खेलों काे शिक्षा का हिस्सा बनाने की जरूरत है। खिलाड़ियों की जागरूकता एवं प्रशिक्षकों की एड़वास ट्रेनिंग समय-समय पर हो। इसे भी खेल नीति का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।नौकरी के दौरान पदक जीतने वालों के प्रोत्साहन के लिए भी विशेष व्यवस्था हो इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए।