Padma Sachdev Passes Away: पद्मा सचदेव के निधन पर शोक की लहर, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित अन्यों ने बताया शोक

Padma Sachdev Passes Away लता मंगेश्कर जी से जो गीत उन्होंने गवाएं हैं। उनके कारण डोगरी संगीत समृद्धा हुआ। वह डोगरी की मार्ग दर्शक चिंतक थी।उनके जाने से जम्मू को जो क्षति हुई है। उसकी भरपाई असंभव है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 02:25 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 02:30 PM (IST)
Padma Sachdev Passes Away: पद्मा सचदेव के निधन पर शोक की लहर, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित अन्यों ने बताया शोक
देवेंद्र सिंह राणा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके गीत उन्हें हमेशा हमारे बीच रखेंगे।

जम्मू, जागरण संवाददाता: डोगरी की विख्यात साहित्यकार पदमश्री पद्मा सचदेव के निधन पर कला, साहित्य जगत में शोक की लहर है। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि उनके निधन से साहित्य जगत को बहुत बड़ी क्षति हुई है।उनका डोगरी के साथ-साथ हिन्दी में भी काफी योगदान रहा है।दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए उन्होंने परिवारी के साथ भी संवेदना व्यक्त की।

Saddened to learn about the passing away of Padma Shri Padma Sachdev Ji, the celebrated writer, poetess, and novelist from J&K. She made rich contributions to Dogri and Hindi Literature. My thoughts and prayers are with the bereaved family members, well-wishers.— Manoj Sinha (@manojsinha_) August 4, 2021

नेशनल कांफ्रेंस के संभागीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके गीत उन्हें हमेशा हमारे बीच रखेंगे।खासकर जो गीत उन्होने लता मंगेश्कर से गवाएं हैं। उनके साथ हमेशा उनका नाम गूंजता रहेगा। वह हमारी प्रेरणा थी रहेंगी। वह डोगरी कों जिस मुकाम पर देखना चाहती थी उसके लिए हमें हमेशा काम करते रहना होगा।

Sad to hear about the demise of the great Dogri poet Padma Sachdevaji. She was a legendary figure who was a doyen of Dogri Literature and Culture. Her ‘Palla Sapayiea Dograeya’ sung by Lata Mangeshkar is a landmark . May her soul rest in peace . pic.twitter.com/JgWDqdwoLe

— Devender Singh Rana (@DevenderSRana) August 4, 2021

डोगरी संस्था ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह डोगरी के लिए कभी भरी जाने वाली क्षति है। वह हमेशा संस्था की मार्ग दर्शक की तरह काम करती रही। डोगरी साहित्य जगत को उन्होंने राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पहचान दी।डोगरी संस्था के अध्यक्ष प्रो. ललित मगोत्रा ने कहा कि उनके जाने से डोगरी को जो नुकसान हुआ है। उसकी पूर्ति संभव नहीं है। डोगरी साहित्य के क्षेत्र में उनके अनमोल योगदान को और उनको डोगरी के एक राजदूत की तरह हमेशा याद रखा जाएगा।डोगरी के प्रचार प्रसार के लिए किए गए इनके कार्य सदा याद रहेंगे।डोगरी संस्था के सभी सदस्याें ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

Saddened by the passing away of Smt. Padma Sachdev Ji a luminary for Dogri language and culture #Jammu

My deepest condolences to her family.

I recall her close association with my parents and remember her singing beautiful Dogri songs and poetry since my childhood. pic.twitter.com/cmkdshgc7Z— Vikramaditya Singh (@vikramaditya_JK) August 4, 2021

संगीतकार बृज मोहन शर्मा ने कहा कि उनकी बड़ी बहन आज उनके साथ नहीं रही। डोगरी संगीत के लिए उनकी चिंता। उनका मार्ग दर्शन उन्हें हमेशा याद रहेगा। उनका अनमोल योगदान कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।आकाशवाणी जम्मू की पूर्व निदेशक अंजलि शर्मा ने कहा कि रेडियों को उनके गीतों ने समृद्ध किया। लता मंगेश्कर जी से जो गीत उन्होंने गवाएं हैं। उनके कारण डोगरी संगीत समृद्धा हुआ। वह डोगरी की मार्ग दर्शक, चिंतक थी।उनके जाने से जम्मू को जो क्षति हुई है। उसकी भरपाई असंभव है।

पद्मा जी के छोटे भाई साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित ज्ञानेश्वर ने अपने संदेश में लिखा ‘दोस्तो ते डोगरी प्रेमियों, पद्मा सचदेव मेरियां बोबो जी अज्ज करीबन साढ़ चार बजे असें सारें गी डोडियै परम समाई गेइयां ते पिच्छै सारें गितै डोड़ी गेइयां अनसंभ, साहित्यक सरमाया।कल रातीं जम्मू च सारें दा हालचाल पुच्छा करदियां हियां, खूब गढ़ाके मारा करदियां हियां ते कबीर जी दे दोहे गी चिर किरतार्थ करी गेइयां, कबीरा आए सांर में जग हंसे हम राये, ऐसी करनी कर चलाे हम हंसे जग रोये।’

डोगरी दी महान कवित्री ते लेखिका #पद्मासचदेव उंदे सुरगें सिधारने उपरेन्त सारा जम्मू अज्ज शोक संतीप्त ऐ। इक दिया बुज्जी गया, पर ओ इन्ने दिया बाली गेदा कि जम्मू ईच्च डुग्गर ते डोगरी दी लो बलदी रोग। परमात्मा उन्हें गी अपने चरने च स्थान दे।

ॐ शाँति 🙏 pic.twitter.com/xe9xR2rn62— IkkJutt Jammu (@IkkJuttJammu) August 4, 2021

प्रो. वीणा गुप्ता ने अपने शोक संदेश में कहा कि जम्मू के लिए बहुत बुरी खबर है। वो हमें हमेशा याद रहेंगी। उनका साहित्य हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।अर्चना केसर ने कहा कि कि वह डोगरी की पहचान थी। जम्मू शहर की रौनक थी। अभी उनकी और बहुत उम्मीदें थी।

राष्ट्र भाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष प्रो. भारत भूषण ने कहा कि डोगरी भाषा को देश विदेश में एक नई पहचान दिलाने वाली विभूति का चले जाना डोगरी साहित्य के लिए एक आघात है। उनके जाने से अभाव हुआ उसकी पूर्ति संभव नहीं है। ईश्वर उनके परिवार को यह आघात सहने की शक्ति दे और दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में शरण दे।

शोक व्यक्त करने वालों में राजेश्वर सिंह राजू, डा. चंचल भसीन, अशोक शर्मा, डा. पवन खजूरिया, सुनीला शर्मा, इंद्रजीत केसर, डा. रतन बसोत्रा, विजया ठाकुर, सुदेश राज, कुलदीप किप्पी, प्रो. राज कुमार शर्मा, शेख मोहम्मद कल्याण, पवन वर्मा, संजीव भसीन, राज मनावरी प्रोमिला मन्हास आदि शामिल थे। 

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