Jammu Kashmir: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सलाहकारों ने ईदी की दी बधाई
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रदेश के लोगों को ईद की बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई की यह पर्व सांप्रदायिक सछ्वाव भाईचारे मैत्री के बंधन को और मजबूत करेगा। उन्होंने सभी को इस पावन अवसर की मर्यादा बनाए रखते हुए कोविड-19 की सावधानियों का पालन करने के लिए कहा।
जागरण संवाददाता, जम्मू : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रदेश के लोगों को ईद की बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई की यह पर्व सांप्रदायिक सछ्वाव, भाईचारे, मैत्री के बंधन को और मजबूत करेगा। उन्होंने सभी को इस पावन अवसर की मर्यादा बनाए रखते हुए कोविड-19 की सावधानियों का पालन करने के लिए कहा। उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को ईद-उल-अजहा के पावन अवसर पर हार्दिक बधाई दी है।
उन्होंने कहा कि यह शुभ अवसर जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच आत्म-अनुशासन और बलिदान के अपने संदेश के माध्यम से प्रेम और एकता की एक नई भावना लाएगा। गौरवशाली बहुलवादी लोकाचार को पुनर्जीवित करेगा जिसके लिए जम्मू और कश्मीर सदियों से जाना जाता है। सलाहकार ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भी प्रार्थना की। सलाहकार बसीर खान ने लोगों को ईद-उल-अजहा की बधाई देते हुए उनकी सलामती और समृद्धि के लिए प्रार्थना की है। अपने बधाई संदेश में सलाहकार ने आशा व्यक्त की है कि यह त्योहार आपसी एकता और भाईचारे को मजबूत करेगा उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने लोगों को बधाई दी। एक संदेश में सलाहकार खान ने इस अवसर को बलिदान और निस्वार्थता का त्योहार बताते हुए कहा कि ईद-उल-अजहा दूसरों के प्रति परोपकार और उदारता की भावना का समर्थन करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें आशा है कि यह शुभ अवसर मिलनसार वातावरण को ओर बढ़ाएगा और केंद्र शासित प्रदेश में समृद्धि और विकास के लिए प्रकाश की किरण प्रदान करेगा। मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता ने ईद-उल-अजहा के पावन अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए उनके कुशलक्षेम, शांति और समृद्धि की कामना की। ईद-उल-अजहा की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में मुख्य सचिव ने कहा कि पवित्र त्योहार हमें त्याग, विनम्रता और उपकार के सिद्धांत सिखाता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह त्योहार सांप्रदायिक सछ्वाव, आपसी भाईचारे, सौहार्द और शांति के बंधन को और मजबूत करेगा। उन्होंने युवाओं से एक साथ आने और व्यक्तिगत और सामाजिक विकास दोनों के अलावा यूटी की शांति और प्रगति में योगदान करने के लिए कहा।