लाॅकडाउन में कम हुआ जम्मू में वायु प्रदूषण का स्तर, एक पखवाड़े में एयर क्वालिटी इंडेक्स 20 प्वाइंट नीचे आया

जारी लॉकडाउन से जम्मू शहर में वायु प्रदूषण का स्तर कम होने की अच्छी खबर भी है। लॉकडाउन से एक फायदा शहर के पर्यावरण को भी हुआ है। घातक स्तर पर पहुंच चुकी जम्मू की आबोहवा सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होने से एक बार फिर तरोताजा हो गई।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 06:44 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 06:44 PM (IST)
लाॅकडाउन में कम हुआ जम्मू में वायु प्रदूषण का स्तर, एक पखवाड़े में एयर क्वालिटी इंडेक्स 20 प्वाइंट नीचे आया
जम्मू की आबोहवा सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होने से एक बार फिर तरोताजा हो गई है।

जम्मू, जागरण संवाददाता । कोरोना महामारी के बीच जहां हर दिन हर तरफ से बुरी खबरें ही आ रही है, वहीं इस वायरस को हराने के लिए जारी लॉकडाउन से जम्मू शहर में वायु प्रदूषण का स्तर कम होने की अच्छी खबर भी है। लॉकडाउन से एक फायदा शहर के पर्यावरण को भी हुआ है। घातक स्तर पर पहुंच चुकी जम्मू की आबोहवा सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होने से एक बार फिर तरोताजा हो गई है।

बुधवार रात से वीरवार सुबह तक हुई बारिश से हवा में धूल कणों को काफी हद तक कम कर दिया। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में जम्मू का एयर क्वालिटी इंडेक्स 120 प्वाइंट था जोकि आज, वीरवार को 100 प्वाइंट रिकार्ड किया गया। आम दिनों में जम्मू का एयर क्वालिटी इंडेक्स 110-120 के आसपास ही रहता है लेकिन चंद दिनों से इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है। प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार अगर किसी शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से ऊपर आता है तो वह बच्चों, बुजुर्गो व सांस के रोगियों के लिए अच्छा नहीं। मार्च-अप्रैल में जम्मू इसी संवेदनशील श्रेणी में था लेकिन अब सुधार हुआ है।

चार मानकों की होती है जांच

यूं तो किसी शहर के प्रदूषण स्तर की जांच के लिए बारह मानक निर्धारित हैं लेकिन ऐसा केवल उन्हीं शहरों के लिए है जहां पर पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। जम्मू में मैन्युअल तरीके से आंकड़े जुटाए जाते हैं। इस श्रेणी के शहरों के लिए प्रदूषण के चार मानकों की नियमित जांच अनिवार्य है। बोर्ड की ओर से बड़ी ब्राह्मणा, नरवाल स्थित बोर्ड कार्यालय व मौलाना आजाद स्टेडियम में नियमित जांच होती है।

आरएसपीएम/पीएम 10 : रेसपीरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर-यह ऐसे धूल कण होते हैं जिनका आकार 10 माइक्रॉन तक होता है :

यह ऐसे धूल कण होते हैं जिनकी मात्र अगर हवा में अधिक हो तो यह सांस के माध्यम से शरीर में जाकर पेट संबंधी बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। किसी भी शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स जानने का यह अहम मानक निर्धारित किया गया है।

-पीएम 2.5 : ऐसे पार्टिकुलेट मैटर जिनका आकार 2.5 माइक्रॉन या उससे कम होता है। यह धूल कण सबसे खतरनाक होते हैं क्योंकि यह सांस से फेफड़ों तक चले जाते हैं जो अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओ 2) : यह गैस भारी मात्र में उच्चतम तापमान पर ऑक्सीजन के जलने से पैदा होती है। ऐसा अक्सर बड़ी-बड़ी फैक्टरियों में विशालकाय भट्ठियों में उत्पादन के दौरान होता है। लिहाजा जम्मू की हवा में इसका प्रभाव भी काफी कम है।

सल्फर ऑक्साइड(एसओ 2) : यह गैस भारी मात्र में कोयले के जलने पर पैदा होती है। ऐसा अक्सर थर्मल प्लांट या बड़ी भट्ठियों में होता है जिनकी जम्मू में संख्या न के बराबर है। इस कारण शहर की आबोहवा में इसका प्रभाव भी सुरक्षित सीमा से नीचे ही है।

एयर क्वालिटी इंडेक्स :

0-50 : सेहत के लिए सबसे अच्छा

51-100 : हल्का प्रदूषित

101-150 : संवेदनशील

151-200 : अस्वस्थ / हानिकारक

201-300 : बहुत हानिकारक

301-500 : खतरनाक  

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