लाकडाउन ने सीमांत किसानों की बढ़ाई मुसीबतें
संवाद सहयोगी रामगढ़ रामगढ़ के सीमांत गांवों में खरीफ सीजन की शुरुआत होने वाली है। खर
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : रामगढ़ के सीमांत गांवों में खरीफ सीजन की शुरुआत होने वाली है। खरीफ सीजन की फसल लगाने के लिए किसानों ने अपनी तैयारियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। धान की पनीरी लगाने की प्रक्रिया भी आरंभ हो चुकी है और अगले जून माह के मध्य में खरीफ सीजन की अगेती धान की रोपाई शुरू होने की संभावना है। लेकिन अगेती धान लगाने के लिए किसानों के सामने मजदूरों की कमी रास्ते का रोड़ा बनकर खड़ी है। पिछले साल भी खरीफ फसल लगाने के लिए सीमांत किसानों को प्रवासी मजदूर नहीं मिले थे और मजबूरी में किसानों ने ट्रैक्टर स. खेतों की जोताई कर धान के बीज का छिड़काव कर दिया। लेकिन यह विधि भी कामयाब साबित नहीं हुई और खेतों में डाला गया धान का बीज पचास फीसदी ही अंकुरित हो पाया। वहीं, मौजूदा समय में भी हालात बीते साल की तरह ही बन रहे हैं और कोरोना महामारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए लाकडाउन की सावधानियां भी बढ़ती जा रही हैं। सीमांत किसानों को डर है कि अगर इस साल भी उनकी धान की फसल सही ढंग स. नहीं लग पाई तो उनके गृहस्थी जीवन पर आर्थिक तंगी का खतरा हावी हो जाएगा। इस खतरे को देखते हुए बार्डर किसान यूनियन प्रधान स. मोहन सिंह भट्टी, उपप्रधान प्रेम पाल चौधरी, किसान नेता सुखदेव चौधरी, सरपंच विजय कुमार बावा, सरपंच काली दास, सरपंच तीर्थ राम भगत, सरपंच रूप चंद चौधरी अन्य ने कहा कि मजदूरों के बिना किसानों की मुश्किलें आसान नहीं हो सकतीं। सरकार व प्रशासन को चाहिए कि पड़ोसी राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को जम्मू में पहुंचाने के लिए विशेष योजनाओं को अमल में लाया जाए। जो प्रवासी मजदूर इन योजनाओं के माध्यम स. जम्मू में पहुंचाए जाएं, उनकी सबसे पहले क्वारंटाइन सेंटरों में कोविड-19 टेस्ट जांच कर पंद्रह दिनों के लिए क्वारंटाइन रखा जाए। उसके बाद डिवीजन के विभिन्न क्षेत्रों में उनको पहुंचाया जाए ताकि किसान अपनी फसलों को समय पर लगाने में कामयाब हो सकें। किसान नेताओं व आम किसानों ने सरकार स. इस मुद्दे पर जल्द विचार करने की पेशकश की है।