Jammu Kashmir: लिक्विड नैनो यूरिया बदलेगा किसानों की किस्मत, गुजरात से 15000 बोतल मंगवाया

प्रबंध निदेशक डा. यूएस अवस्थी व उनके साथियों को विश्व का पहला लिक्विड नैनो यूरिया विकसित तैयार करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ फसलों का उत्पादन बल्कि मौसम के कारण फसलों का होने वाली क्षति पर भी काबू पाया गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 08:27 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 08:27 AM (IST)
Jammu Kashmir: लिक्विड नैनो यूरिया बदलेगा किसानों की किस्मत, गुजरात से  15000 बोतल मंगवाया
जम्मू और कश्मीर संभाग के किसानों में बराबरी के आधार पर 7500-7500 बोतल लिक्विड नैनो यूरिया बांटा जाएगा।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर के किसानों के अच्छे दिन आने वाले हैं। पहली बार स्थानीय किसानों को लिक्विड नैनो यूरिया का इस्तेमाल करने का अवसर मिलने जा रहा है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के हस्तक्षेप से गुजरात से 15000 बोतल लिक्विड नैनो यूरिया मंगवाया गया है, जो परंरागत यूरिया के 675 मीट्रिक टन के बराबर है। उपराज्यपाल ने इफको (इंडियन फार्मस फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड) को जम्मू कश्मीर में लिक्विड नैनो यूरिया उत्पादन का एक बड़ा सयंत्र स्थापित करने के लिए भी आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रदेश सरकार सभी प्रकार से मदद करेगी।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को वर्चुल मोड पर कलोल, गुजरात स्थित इफको के नैनो यूरिया सयंत्र से जम्मू कश्मीर के लिए लिक्विड यूरिया की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर उपराज्यपाल ने कहा कि जल्द ही जम्मू कश्मीर में कृषि क्रांति का असर चारों तरफ नजर आएगा। उन्होंने कहा कि 30 हजार किसानों को 65 करोड़ रुपये मूल्य के अत्याधुनिक कृषि उपकरण और 91 करोड़ की लागत से 25 हजार किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने इफको के प्रबंध निदेशक डा. यूएस अवस्थी व उनके साथियों को विश्व का पहला लिक्विड नैनो यूरिया विकसित तैयार करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ फसलों का उत्पादन बल्कि मौसम के कारण फसलों का होने वाली क्षति पर भी काबू पाया गया है।

15000 बोतल नैनो यूरिया 675 मीट्रक टन यूरिया के बराबर : कलोल, गुजरात से जम्मू कश्मीर के लिए रवाना हुई लिक्विड नैनो यूरिया की 15000 बोतल 675 मीट्रिक टन पंरपरागत यूरिया के बराबर है। जम्मू और कश्मीर संभाग के किसानों में बराबरी के आधार पर 7500-7500 बोतल लिक्विड नैनो यूरिया बांटा जाएगा।

सस्ता है नैनो यूरिया : उपराज्यपाल ने कहा कि नैनो यूरिया के इस्तमाल से कृषि लागत घटेगी। इससे सब्सिडी की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और सरकार इस तरह 27 हजार करोड़ रुपये बचाएगी और किसानों को भी 28 हजार करोड़ का लाभ पहुंचाएगी।

बासमती की कृषि भूमि की उत्पादकता बढ़ाई जाएगी : उपराज्यपाल ने कहा कि 60 हजार हेक्टरेय में फैली बासमती की कृषि भूमि को और अधिक उत्पादक बनाया जाएगा। जारी वित्त वर्ष के दौरान हमने 7.5 लाख किसानों को 16 करोड़ की लागत पर बढिय़ा बीज उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इस पूरे अभियान के दौरान किसानों को जैविक कृषि अपनानेे लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

नैफेड करेगा 1700 करोड़ रुपये का निवेश : जम्मू कश्मीर के बागवानी क्षेत्र में लाए जा रहे सुधारों का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल ने बताया कि नैफेड के साथ एक एमओयू तय किया गया है। इसके तहत अगले पांच साल के दौरान सेब, अखरोट, आगम और लीची के उच्च पैदावार वाले पेड़ों के बाग 5500 हेक्टयर में विकसित किए जाएंगे। इसके लिए जम्मू कश्मीर में 1700 करोड़ का निवेश नैफेड करेगा। इसके अलावा 500 करोड़ के निवेश से कठुआ और उत्तरी व दक्षिण कश्मीर में तीन कोल्ड स्टोर भी बनाए जाएंगे।

यह है खासियत : लिक्विड नौनो यूरिया जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाए रखता है। एक बोतल नैनो यूरिया की कीमत 45 किलो परंपरागत यूरिया की कीमत से लगभग 10 फीसद कम पर्यावरण को संरक्षित करता है। लोगों की सेहत पर भी नहीं पड़ता है बुरा असर। आधा लीटर लिक्विड नैनो यूरिया एक बोरी खाद के बराबर पहाड़ों पर किसान यूरिया की बोरी उठाकर ले जाने के बजाय अब हाथ में आधा लीटर नैनो यूरिया लेकर जाएंगे।  

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