Jammu Kashmir: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बोले- नए और स्वस्थ जम्मू-कश्मीर के लिए कर रहे हैं काम
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने डोडा मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस के पहले बैच का शनिवार को उदघाटन किया। उपराज्यपाल ने एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई और सलाह दी कि वह मानवता की सेवा करें।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने डोडा मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस के पहले बैच का शनिवार को उदघाटन किया। वर्चुअल मोड पर हुए उद्घाटन के बाद विद्यार्थियों व फैकल्टी सदस्यों को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई और सलाह दी कि वह मानवता की सेवा करें। सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों पर बोलते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार सभी के लिए सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के अलावा बुनियादी ढांचे को अपग्रेड के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हम नए और स्वस्थ जम्मू-कश्मीर के विजन को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र बहुत अहम है। सरकार अपनी कुल सकल घरेलू उत्पाद का 2.86 फीसद खर्च कर रही है। यह देश में सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि बचाव, बेहतर इलाज और देखभाल इन तीन क्षेत्रों पर सरकार काम कर रही है। उपराज्यपाल ने स्वास्थ्य के क्षेत्र को मजबूत करने के लिए मेडिकल के विद्यार्थियों की भूमिका के बारे में भी जानकारी दी। उपराज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी। पांच नए मेडिकल कालेज, दो एम्स, एक हजार के करीब हेल्थ और वेलनेस सेंटर, पांच नए नर्सिंग काॅलेज, सौ फीसद एमबीबीएस सीटों में बढ़ोतरी करने में उनकी अहम भूमिका रही। उन्होंने कहा कि जम्मू और हंदवाड़ा में दो नए मेडिकल काॅलेज बनाने के लिए भी टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन पर 325-325 करोड़ रुपये खर्च आएंगे।
उपराज्यपाल ने कहा कि तीन साल में जम्मू-कश्मीर में शिशु मृत्यु दर 23.1 से कम होकर 13.3 फीसद रह गई। नवजात शिशु मृत्यु दर 32.4 से कम होकर 16.3 फीसद रह गई। लिंग अनुपात 923 से बढ़करी 976 हो गया। उन्होंने सेहत योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए 500 एमबीबीएस की सीटें बढ़ी। 85 सीटें तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए थी। विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए भी सीटों में बढ़ोतरी की गई। उन्होने कहा कि तीन सौ बिस्तरों की क्षमता वाले जिला अस्पतालों को जल्दी ही 500 बिस्तरों की क्षमता का कर दिया जाएगा। आयुष को बढ़ावा देने के लिए युनानी और आयुर्वेद काॅलेज खोले गए। प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत 140 स्वास्थ्य प्रोजेक्टों के लिए 881 करोड़ रुपये मिले। विश्व बैंक ने 367 करोड़ रुपयों की सहायता दी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में नई निवेश नीति को मंजूरी दी गई है। दो मेडि सिटी बनाने का प्रस्ताव है। उपराज्यपाल ने कहा कि आने वाले दिनों में डोडा मेडिकल कालेज के कुछ विभागों में फैकल्टी की कमी काे दूर किया जाएगा।
इस मौके पर पीएमओ में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने डोडा के लिए इसे ऐतिहासिक पल करार दिया। उन्होंने कहा कि इस लिले में मेडिकल काॅलेज स्थापित करने का सपना अब साकार हो गया है। उन्होंने इस काॅलेज में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मुहैया करवाने का आश्वासन दिया। उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तिय आयुक्त अटल ढुल्लू, प्रिंसिपल जीएमसी डोडा डा. दिनेश कुमार ने भी अपने विचार रखे।