Jammu Kashmir : उपराज्यपाल सिन्हा ने परियोजनाओं में देरी करने पर जल शक्ति विभाग के दो अधिकारी अटैच किए
उपराज्यपाल ने जिला प्रशासन को हर पंचायत से ऐसे पांच अधिकारियों की पहचान करने को कहा जिन्हें अपना व्यापार शुरू करने के लिए वित्तिय सहायता की जरूरत है।धन की कोई कमी नहीं है।सरकार अपने सपनों काे साकार करने की भावना रखने वाले युवाओं की मदद के लिए तैयार है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : लोगों को बेहतर सुविधाएं समय पर मिले इस भावना के साथ सभी अधिकारी काम करें। यदि किसी अधिकारी की लापरवाही के कारण जनता को परेशानी होती है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस चेतावनी के साथ जल शक्ति विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर और टेक्निकल अधिकारी को विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने में देरी करने पर अटैच कर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी काम में देरी सहन नहीं की जाएगी।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा गांदरबल के दौरे पर थे। उन्होंने इस दौरान जिले के विकास परिदृश्य की समीक्षा की।उन्होंने विभिन्न विभागों के प्रदर्शन का आकलन करने के अलावा केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं को लाूग करने में हुई प्रगति को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने उपायुक्त कृतिका ज्योत्सना और उनकी टीम को बधाई दी और सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न पहलों और उपायों की सौ फीसद लागू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिला प्रशासन को हर पंचायत से ऐसे पांच अधिकारियों की पहचान करने को कहा जिन्हें अपना व्यापार शुरू करने के लिए वित्तिय सहायता की जरूरत है। उपराज्यपाल ने कहा कि धन की कोई कमी नहीं है और सरकार उन युवाओं को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।
इससे पहले, उपायुक्त गांदरबल ने उपराज्यपाल को जिले में जिला कैपेक्स, सुस्त परियोजनाओं और बैक टू विलेज कार्यक्रम के तहत विकास गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण दिया। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र की रूपरेखा, जल जीवन मिशन की उपलब्धियों और भविष्य के रोडमैप, बिजली क्षेत्र की संपत्ति और सर्दियों की तैयारी के प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी।
उपराज्यपाल ने सभी परियोजनाओं के शीघ्र निष्पादन और समय पर पूरा करने पर जोर दिया।लोक निर्माण विभाग द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए, उपराज्यपाल ने अपने पदाधिकारियों को सर्दियों में सड़कों को होने वाले नुकसान को रोकने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया।