लद्दाख के रक्षक ने बनाया लेह से मनाली तक सबसे तेज साइकलिंग करने का गिनीज बुक रिकार्ड

लद्दाख क्षेत्र के चुनौतीपूर्ण हालात दुर्गम चढ़ाइयों को साइकिल से पार करते हुए युवा अधिकारी ने लेह से मनाली तक का 470 किलोमीटर का सफर साइकिल पर 34 घंटे 54 मिनट में पूरा कर विश्व रिकार्ड बना दिया।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 08:17 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 08:17 PM (IST)
लद्दाख के रक्षक ने बनाया लेह से मनाली तक सबसे तेज साइकलिंग करने का गिनीज बुक रिकार्ड
लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीपद श्रीराम ने लेह से मनाली तक सबसे तेज साइकिल चलाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम कर लिया

जम्मू, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की सुरक्षा में तैनात सेना की एक कोर की स्ट्रैटेजिक स्ट्राइक डिवीजन के लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीपद श्रीराम ने लेह से मनाली तक सबसे तेज साइकिल चलाने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम कर लिया। लद्दाख क्षेत्र के चुनौतीपूर्ण हालात, दुर्गम चढ़ाइयों को साइकिल से पार करते हुए युवा अधिकारी ने लेह से मनाली तक का 470 किलोमीटर का सफर साइकिल पर 34 घंटे 54 मिनट में पूरा कर विश्व रिकार्ड बना दिया। इस साइकिल अभियान का आयोजन वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष में 195वें गर्नस डे के उपलक्ष्य में किया गया था।

विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए साइकिल पर लेह से मनाली के लिए रवाना हुए लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीराम ने लद्दाख में सबसे ऊंचे पांच दर्रों काे पार किया। इनमें 18,600 फीट की उंचाई वाला खारदूंगला पास, 17688 फीट की उंचाई पर स्थित लचांगला पास मुख्य थे। ऐसे में विश्व रिकार्ड बनाने के लिए युवा अधिकारी ने बर्फ से लदे इलाकों के शून्य से नीचे के तापमान में बिना कहीं रुके अपने लक्ष्य का हासिल किया। ऐसे मे रविवार को लेह से दोपहर तीन बजे के करीब मनाली पहुंचने पर लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीपद श्रीराम का जोरदार स्वागत किया गया। उन्होंने यह उपलब्धि हासिल कर साबित किया कि भारतीय सेना के वीरों के लिए कोई भी लक्ष्य हासिल करना नामुमकिन नहीं है।

लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीपद श्रीराम अपने सोलो साइकलिंग अभियान पर लेह से शनिवार सुबह चार बजे मनाली के लिए रवाना हुए थे। लेह से उन्हें ब्रिगेडियर आरके ठाकुर ने हरी झंडी दिखाकर 472 किलोमीटर के सफर पर रवाना किया था। इस मौके पर सेना की स्ट्रैटेजिक स्ट्राइक डिवीजन के अन्य कई अधिकारी भी मौजूद थे। पहले भी सेना के कई साइकलिंग अभियानों में हिस्सा ले चुके लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीराम आंध्र प्रदेश के निवासी व उन्होंने क्षेत्र के सैनिक स्कूल से शिक्षा हासिल की है।

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