Jammu Kashmir: खेलों को बढ़ावा देने के लिए जम्मू-कश्मीर में हो रहा आधुनिक ढांचा विकसित

हम खेल को पंचायत स्तर तक ले जाने और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को अवसर प्रदान करने के मिशन के साथ काम कर रहे हैं। बेहतर प्रशिक्षण और आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ हमारे युवा अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 07:42 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:42 AM (IST)
Jammu Kashmir: खेलों को बढ़ावा देने के लिए जम्मू-कश्मीर में हो रहा आधुनिक ढांचा विकसित
खेल क्षेत्र ने अनौपचारिक रूप से जम्मू-कश्मीर में उद्योग का रूप ले लिया है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 18.10 करोड़ रुपये की खेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का ई-उद्घाटन करने के अलावा ई-नींव रखी। उन्होंने नई खेल सुविधाओं को स्थानीय युवाओं को समर्पित किया।उपराज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में अत्याधुनिक खेल बुनियादी ढांचे को विकसित किया जा रहा है। सरकार आधुनिक सुविधाओं का निर्माण कर रही है और प्रदेश के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए दूरदराज के क्षेत्रों में भी खेल संस्कृति विकसित कर रही है।

उपराज्यपाल ने कहा कि केपैक्स, खेलो इंडिया और पीएमडीपी के तहत इन परियोजनाओं का उद्घाटन और नींव रखने से जम्मू-कश्मीर में खेल ढांचे के आधुनिकीकरण के अगले चरण की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा हम खेल को पंचायत स्तर तक ले जाने और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को अवसर प्रदान करने के मिशन के साथ काम कर रहे हैं। बेहतर प्रशिक्षण और आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ, हमारे युवा अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

उपराज्यपाल ने खेल से जुड़े सभी कोचों और अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। सरकार युवा खिलाड़ियों को खेल के बुनियादी ढांचे और सुविधाएं प्रदान कर रही है। अब यह कोच और अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे प्रतिभा को निखारें और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में जम्मू-कश्मीर की पदक तालिका में सुधार करें।उन्होंने कहा कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर में शिक्षा और खेल के लिए धन उपलब्ध कराने में आगे है।

जम्मू-कश्मीर की शिक्षा और खेल का संयुक्त बजट 2386 करोड़ रुपये है, जो विभिन्न बड़े राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहीं अधिक है।पिछले कुछ महीनों में, जम्मू-कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल युवा प्रतिभाओं के लिए प्लेटफॉर्म की पहचान के लिए एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में उभरा है। फिर भी, हमें एक लंबा रास्ता तय करना है। विभिन्न खेलों के विभिन्न विषयों में कोचों के लिए समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित करने की आवश्यकता है।

यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि हर क्षेत्र में केवल पेशेवर कोच ही शामिल होते हैं और उन्हें वही उत्साह दिखाना चाहिए जो सरकार और खिलाड़ी दिखा रहे हैं।

पेशेवर खेलों के अलावा, हम कालेज और विश्वविद्यालय स्तर पर भी खेल और सुविधाओं के स्तर में सुधार करने का प्रयास कर रहे हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि जिस तरह से खेल के सभी विषयों में विकास हो रहा है, खेल क्षेत्र ने अनौपचारिक रूप से जम्मू-कश्मीर में उद्योग का रूप ले लिया है।

उपराज्यपाल ने खेल परिषद को रणनीतिक रूप से काम करने, ऐसे स्थानों की पहचान करने और जहां युवा अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें विशेष खेल केंद्र के रूप में विकसित करने की सलाह दी। उपराज्यपाल ने जिन परियोजनाओं का उदघाटन किया, उनमें पांच करोड़ रुपये की लागत से खेल गांव नगरोटा में सिंथेटिक फुटबाल टर्फ, एक करोड़ रुपये की लागत से भौर कैंप, चटठा में मिनी स्टेडियम और 2 करोड़ रुपये की लागत से पुरमंडल में प्लेफील्ड शामिल हैं।

भौर कैंप के मिनी स्टेडियम में क्रिकेट, वालीबाल, कबड्डी जैसे खेलों का आयोजन कर 5000 युवाओं को फायदा होगा।पुरमंडल में नए प्लेफील्ड के पूरा होने के साथ, क्रिकेट, फुटबाल, वालीबाल, कबड्डी जैसे खेलों को प्रोत्साहन मिलेगा। इस खेल के मैदान से सीमावर्ती ग्रामीण और आदिवासी युवाओं को लाभ मिलेगा।

उपराज्यपाल ने 6 करोड़ रुपये की लागत से जम्मू विश्वविद्यालय में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक सहित खेल के बुनियादी ढांचे के लिए ई-नींव रखी। जम्मू-कश्मीर में अपनी तरह का पहला ट्रैक है और जम्मू-कश्मीर को एथलेटिक्स के अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर लाएगा।

जिन अन्य परियोजनाओं की नींव रखी गई उनमें सुरनकोट, पुंछ में 3 करोड़ रुपये की लागत से मिनी स्टेडियम का निर्माण और दरहाल और पीरी, राजौरी में 55 लाख रुपये की लागत से खेल के मैदानों की रोशनी का प्रोजेक्ट शामिल है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव युवा सेवा और खेल आलोक कुमार, विशेष सचिव और निदेशक युवा सेवाएं और खेल मो. अशरफ भट्ट, सचिव जम्मू-कश्मीर खेल परिषद नुजहत गुल, और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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