New Jammu Kashmir: जम्मू व श्रीनगर में जल्द होंगे फिल्मोत्सव व तीन मेगा सूफी महोत्सव

सिन्हा ने कहा कि संस्कृति विभाग को अपनी गतिविधियों और कार्यक्रमों का वार्षिक कैैलेंडर तैयार करना चाहिए। इससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को बल्कि देश विदेश से जम्मू-कश्मीर आने वाले पर्यटकों को पता चलेगा कि जम्मू कश्मीर में कब-क्या कार्यक्रम हो रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 07:47 AM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 07:47 AM (IST)
New Jammu Kashmir: जम्मू व श्रीनगर में जल्द होंगे फिल्मोत्सव व तीन मेगा सूफी महोत्सव
अकादमी के पास विश्वप्रसिद्ध चित्रकारों की 953 दुर्लभ पेंटिंग्स हैं। आम लोगों के लिए इनकी प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रियासी जिले में शिवखोड़ी और बाबा बंदा सिंह बहादुर धार्मिक स्थल के विकास के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने इस साल जम्मू और श्रीनगर में फिल्मोत्सव के अलावा तीन मेगा सूफी महोत्सव के आयोजन का ऐलान किया। श्रीनगर में एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) भी केंद्र स्थापित होगी। सिन्हा सांस्कृतिक, कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी, अभिलेखागार एवं संग्रहालय व संबंधित विभागों की कार्यप्रणाली और गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे।

उपराज्यपाल ने कहा कि यह शंकराचार्य, नुंद रेशी, हब्बाखातून, देवी रूपा भवानी की धरती है। हमें इन महान विभूतियों के जन्मस्थलों, कर्मभूमि को विरासती स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए ताकि उनकी जीवनी और आदर्शाें से हमारी युवा पीढ़ी आसानी से अवगत हो सके। जम्मू कश्मीर में पर्यटकों की आमद को और बढ़ाने के लिए धर्मस्थलों, स्मारकों और विरासती स्थलों के विकास और प्रचार पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पर्यटन व सांस्कृतिक प्रचार-विकास योजनाओं के एकीकरण का निर्देश दिए। इससे पर्यटकों को ही नहीं स्थानीय लोगों को जम्मू कश्मीर की समृद्ध लोक संस्कृति का अनुभव होगा। उन्होंने शिवखोड़ी और बाबा बंदा सिंह जी बहादुर धार्मिक स्थल के विकास के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करते हुए संबंधित अधिकारियों का इसके लिए समग्र और प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने को कहा। ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने में सभी पर्यटन व धार्मिकस्थलों का खूब प्रचार किया जाना चाहिए।

संस्कृति विभाग का हो वार्षिक कैलेंडर: सिन्हा ने कहा कि संस्कृति विभाग को अपनी गतिविधियों और कार्यक्रमों का वार्षिक कैैलेंडर तैयार करना चाहिए। इससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को बल्कि देश विदेश से जम्मू-कश्मीर आने वाले पर्यटकों को पता चलेगा कि जम्मू कश्मीर में कब-क्या कार्यक्रम हो रहा है। वह उसके मुताबिक जम्मू-कश्मीर में यात्रा का कार्यक्रम बना सकेंगे। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

सभी राष्ट्रीय दिवसों पर हों कार्यक्रम: कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी को राष्ट्रीय महत्व के सभी दिवसों पर आम जनता की भागीदारी सांस्कृतिक कार्यक्रम करने चाहिए। उन्होंने अकादमी के अधिकारियें को थियेटर फेस्टिवल, संगीत एवं नृत्य महोत्सवों , मुशायरों, कवि सम्मेलनों, सेमिनारों और साहित्यिक सम्मेलनो के जरिए जम्मू कश्मीर के साहित्य, कला व संस्कृति के प्रचार-प्रोत्साहन और विकास के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा।

सूफी महोत्सव में स्थानीय कलाकारों हों शामिल : सिन्हा ने कहा कि अकादमी इस वर्ष प्रदेश में तीन मेगा सूफी महोत्सव कर रही है। इन महोत्सवों के कालेजों, विश्वविद्यालयों के अलावा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिठति जम्मू कश्मीर के स्थानीय सूफी कलाकारों की भागीदारी को भी सुनिश्चित किया जाए। इन कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने में उनकी भी भागीदारी होनी चाहिए।

953 दुर्लभ पेंटिंग्स की होगी प्रदर्शनी: संस्कृति विभाग के प्रशासकीय सचिव सरमद हफीज ने बताया कि कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी के पास अध्यात्म, रहस्यवाद, वेदांत, इस्लाम, भाषा, साहित्य, इतिहास, गणित, हस्तशास्त्र, राजनीति, समाज विज्ञान और संगीत पर आधारित 700 पांडुलिपियां और लघुचित्र हैं। इसके अलावा अकादमी के पास विश्वप्रसिद्ध चित्रकारों की 953 दुर्लभ पेंटिंग्स हैं। जल्द आम लोगों के लिए इनकी प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।

जम्मू और श्रीनगर में होंगे फिल्मोत्सव : अकादमी जल्द पर्यटन व सूचना विभाग के साथ समन्वय में श्रीनगर और जम्मू में फिल्म महोत्सव करने जा रही है। इसके अलावा श्रीनगर में एनएसडी भी अपना केंद्र स्थापित करेगा।

पत्नीटाप में होगा साहित्यिक महोत्सव : संस्कृति विभाग के प्रशासकीय सचिव सरमद हफीज ने बताया कि पत्नीटाप में साहित्यिक महोत्सव के अलावा सीमांत पर्यटन के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यक्रम किए जा रहे हैं। सभी विरासतस्थलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के अलावा दास्तान गोई (कहानी सुनाना) और सूफी संगीत समारोह होंगे।

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