उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की दो टूक, आतंकवाद और अलगाववाद से जुड़े लोगों को सजा मिलेगी, नौकरियां या सरकारी लाभ नहीं

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा मौजूदा केंद्र सरकार पहली ऐसी सरकार है जो कश्मीर में शांति खरीदना नहीं चाहती बल्कि उसे स्थापित करना चाहती है। हम आतंकवाद के पूरे इकोसिस्टम को खत्म करना चाहते हैं। पहले भारत सरकार की ऐसी नीति नहीं थी।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 07:23 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 07:23 AM (IST)
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की दो टूक, आतंकवाद और अलगाववाद से जुड़े लोगों को सजा मिलेगी, नौकरियां या सरकारी लाभ नहीं
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अब साफ्ट सेपरेटिज्म से बातचीत का जमाना लद चुका है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को दो टूक शब्दों में कहा कि जम्मू कश्मीर में अब साफ्ट सेपरेटिज्म से बातचीत का जमाना लद चुका है। अगर बात होगी तो सिर्फ उसी से, जिसकी भारत और भारत के तिरंगे में आस्था होगी। जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति और शांति बहाली में हितधारक (स्टेक होल्डर्स) सिर्फ जम्मू कश्मीर जनता है और जिन राजनीतिक दलों की बात होती है, वह भी कश्मीर की जनता से ही निकले हैं। इसलिए हमारे लिए कोई अन्य स्टेक होल्डर नहीं है।

आज दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर में बीते दो वर्ष में आए बदलाव और मौजूदा परिदृश्य का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा मौजूदा केंद्र सरकार पहली ऐसी सरकार है जो कश्मीर में शांति खरीदना नहीं चाहती, बल्कि उसे स्थापित करना चाहती है। हम आतंकवाद के पूरे इकोसिस्टम को खत्म करना चाहते हैं। पहले भारत सरकार की ऐसी नीति नहीं थी। भारत को तोड़ने, आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को हवाई जहाज में ले जाकर उनका इलाज कराया जाता था। जो शांति के लिए खतरा थे, उनसे बात होती थी। मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि अब साफ्ट सेपेरेटिज्म से बातचीत का जमाना लद चुका है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने नए आतंकियों की भर्ती पर अंकुश के उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें जो सामने दिखता है, उसके अलावा भी बहुत सारे लोग हैं। हत्या करने वाले आतंकियों से ज्यादा अपराध आतंकियों के लिए सुरक्षित इकोसिस्टम बढ़ाने वालों का है। इनमें तथाकथित बद्धिजीवी, विदेशों में अच्छी साख रखने वाले तत्व, टेरर फंडिंग और कारोबारी भी हैं। इसलिए मैंने इकोसिस्टम की बात की है। अगर माता वैष्णो देवी की कृपा रही तो हम इस पूरे इकोसिस्टम को पूरी तरह समाप्त कर देंगे।

प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार इस इकोसिस्टम को समाप्त करने में यकीन रखती है। इसलिए जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरी या सरकारी योजना का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा, जो भारत सरकार और भारत के खिलाफ काम करते हैं। आतंकवाद और अलगाववाद से जुड़े लोगों को सजा मिलेगी, नौकरियां या सरकारी लाभ नहीं। 

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