Jammu Kashmir Accession Day : वकीलों ने हाईकोर्ट परिसर में मनाया विलय दिवस
Jammu Kashmir Accession Day भारद्वाज ने जम्मू-कश्मीर को विवादित बताने वालों को सचेत करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के भारत का हिस्सा होने पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और हमेशा रहेगा।
जागरण संवाददाता, जम्मू : महाराजा हरि ¨सह की ओर से 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय करने की याद में वकीलों ने मंगलवार को जानीपुर स्थित हाईकोर्ट परिसर में तिरंगा लहराया। 75वें विलय दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हुए वकील हाईकोर्ट परिसर में एकत्रित हुए और तिरंगे झंडे को सलामी देते हुए इस दिन की खुशी साझा की।
सरकारी अवकाश के बावजूद इस कार्यक्रम में काफी संख्या में वकील व शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान एमके भारद्वाज की अगुआई में एकत्रित हुए वकीलों ने कहा कि आज का दिन जम्मू-कश्मीर के लिए आजादी के दिन से कम नहीं है। प्रधान एमके भारद्वाज ने कहा कि आज ही के दिन महाराजा हरि ¨सह ने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे और उनके इस कदम से जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया है।
भारद्वाज ने जम्मू-कश्मीर को विवादित बताने वालों को सचेत करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के भारत का हिस्सा होने पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और हमेशा रहेगा। कार्यक्रम के दौरान एसोसिएशन के उप प्रधान एडवोकेट स. महेंद्र पाल सिंह पल्ली, महासचिव एडवोकेट सुरजीत सिंह अंडोत्रा, सह-सचिव एडवोकेट आदित्य शर्मा, कोषाध्यक्ष एडवोकेट स. अमनदीप सिंह, एडवोकेट एचसी जलमेरिया व एडवोकेट बाबू राम शर्मा मुख्य रूप से मौजूद रहे।
एडवोकेट एचसी जलमेरिया ने विलय दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए एसोसिएशन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिए बहुत बड़ा दिन है। गर्व से हम खुद को भारतीय महाराजा की बदौलत ही कहते हैं।