गोवंश के कत्ल को रोकने के लिए जम्मू कश्मीर में बने कानून
गैर सरकारी संगठन सेव एनीमल वैल्यू एनवायरमेंट (सेव) की कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र कौर मदान ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील की है कि प्रदेश में एनिमल वेल्फेयर बोर्ड का पुनर्गठन किया जाए। इससे प्रदेश में जानवरों से हो रहे अत्याचारों पर लगाम लग सकेगी।
जागरण संवाददाता, जम्मू : गैर सरकारी संगठन सेव एनीमल वैल्यू एनवायरमेंट (सेव) की कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र कौर मदान ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील की है कि प्रदेश में एनिमल वेल्फेयर बोर्ड का पुनर्गठन किया जाए। इससे प्रदेश में जानवरों से हो रहे अत्याचारों पर लगाम लग सकेगी। मदान ने तर्क दिया कि गोवंश के कत्ल को लेकर जो नियम कानून राज्य में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद निरस्त हो चुके हैं, उन्हें दोबारा पुनर्गठित किया जाए।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से पहले रणबीर पीनल कोड के सेक्शन 298 में गोवंश को बूचड़खाने में भेजने पर रोक थी। अब यह कानून खत्म हो चुका है। वीरवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मदान ने कहा कि इस बारे में जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता को भी तथ्यों के साथ सूचित किया जा चुका है। इतना ही नहीं पूर्व उपराज्यपाल जीसी मुर्मू को भी इसकी जानकारी उपलब्ध करवाई गई थी, ताकि गोवंश की तस्करी पर लगाम लग सके। उन्होंने अफसोस जताया कि तत्कालीन उपराज्यपाल ने भी मामले में कोई दिलचस्पी दिखाई। इस संबंध में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है, जिसमें सरकार को गोवंश के कत्ल को रोकने के लिए कानून बनाए जाने के निर्देश देने के लिए कहा गया है। मदान ने कहा कि डिवीजन बेंच ने भी सेव को कानून बनाने के संबंध में सरकार से बातचीत करने के लिए कहा है। मदान ने अफसोस जताया कि राज्य में गोवंश को कसाईघरों में न भेजने के लिए कोई कानून न होने से मवेशियों की तस्करी सरेआम हो रही है। उन्होंने गोवंश तस्करी में संलिप्त लोगों के खिलाफ पीएसए लगाए जाने की भी वकालत की है।